कोलकाता, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई. वी. रेड्डी के विचार का समर्थन करते हुए पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी ने आरबीआई की साख दांव पर लगा दी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आरबीआई की स्वायत्तता खत्म हो चुकी है, तो उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर इस सवाल का जवाब हां है। चिदंबरम ने कहा, पूरी प्रक्रिया के उलट..नोटबंदी की सिफारिश आरबीआई की ओर से होने के बजाय, सरकार ही आरबीआई को नोटबंदी का सुझाव दे रही है। नोटबंदी से जुड़े घटनाक्रम को लेकर चिदंबरम ने कहा, सात नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक बुलाई जाती है। क्या इसके लिए लिखित नोटिस जारी किया गया था? वे हमें यह नहीं बताएंगे। इस बैठक में कितने लोगों ने हिस्सा लिया, वे यह भी नहीं बताएंगे। क्या बैठक के लिए कोई एजेंडा पत्र तैयार किया गया था? क्या बैठक का पूरा ब्योरा तैयार किया गया है, वे नहीं बताएंगे। बैठक कितनी देर चली, वे नहीं बताएंगे। चिदंबरम ने कहा, मुझे मिली सूचना के अनुसार यह बैठक आधा घंटा चली थी और सरकार को सिफारिशें दी गईं। मंत्रिमंडल सिफारिश का इंतजार कर रहा था। मंत्रिमंडल को कैसे पता कि आरबीआई नोटबंदी की सिफारिश करने वाला है? सब कुछ ऊपर से मिले आदेशानुसार हुआ। चिदंबरम ने आगे कहा, इस मामले में यहां आरबीआई की साख दांव पर लगा दी गई, जैसा कि पूर्व गवर्नर रेड्डी का कहना है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि मेरे कार्यकाल में नोटबंदी की गई होती तो मैं पद से इस्तीफा दे देता।