नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद के हालातों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने चलन से बाहर हुए 500 रूपए और 1000 रूपए के नोटों के अस्पतालों, रेल टिकटों जैसी सरकारी सेवाओं में इस्तेमाल की अवधि बढ़ाने से इनकार किया। नोटबंदी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मामले में 8 सवाल तय किये गए हैं। कोर्ट ने राहत की बात केंद्र सरकार पर छोड़ दिया और मामले में कोई आदेश नहीं दिए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह प्रति सप्ताह 24 हजार रूपए की निकासी संबंधी प्रतिबद्धता को यथासंभव पूरा करे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी हाईकोर्ट में नोटबंदी से जुड़ी याचिका की सुनवाई नहीं की जाएगी। नोटबंदी से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुराने नोटों को बंद करने का फैसला नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नोटबंदी से जुड़े अलग-अलग मामलों की सुनवाई अलग-अलग अदालते नहीं करेंगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि नोटबंदी पर हाईकोर्ट में चल रहे अलग-अलग मामलों की सुनवाई तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए। नोटबंदी से जुड़ी किसी भी याचिका की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने विचार के लिये नौ सवाल बनाकर नोटबंदी से जुड़ी आठ नवंबर की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाएं पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दीं। सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी की अधिसूचना के खिलाफ सभी उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं में कार्यवाही पर रोक लगा दी और कहा कि इनपर सिर्फ शीर्ष अदालत में ही सुनवाई होगी। न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के इस आश्वासन को स्वीकार कर लिया कि जिला सहकारी बैंकों द्वारा 11 नवंबर से 14 नवंबर के बीच एकत्र किए गए 8000 करोड़ रूपए बदलने की अनुमति दी जायेगी।