नई दिल्ली, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस जनता के साथ खड़ी होगी और गुस्सा और घृणा फैलाने वाली नरेंद्र मोदी तथा आरएसएस की विचारधारा को परास्त करेगी।
गांधी ने कांग्रेस स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा, सरकार उन लोगों की सूची सामने लाए जिन्होंने नोटबंदी से पहले अपने बैंक खाते में 25 लाख से ज्यादा रुपये जमा किए हैं। उन्होंने साथ ही मांग की कि सरकार धन की निकासी पर लगाई गई तमाम रोक तत्काल हटाए। गांधी ने कहा कि धन निकालने पर लगे सभी प्रतिबंध तत्काल हटा लिए जाने चाहिए। जब तक ये प्रतिबंध लागू हैं, तब तक सभी को 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से विशेष ब्याज दिया जाना चाहिए।
राहुल ने कहा कि डिजीटल लेनदेन पर लगाए गए सभी शुल्कों को अब से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मांगों का यह चार्टर भारत की जनता की ओर से है। राहुल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत एक साल के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत दिए जाने वाले राशन की कीमतें आधी की जानी चाहिए और रबी की सभी फसलों के अधिकतम समर्थित मूल्य के ऊपर 20 प्रतिशत का एकबारगी बोनस उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मांगों के चार्टर में कहा गया, नोटबंदी के कारण महिलाओं को जो भारी नुकसान पहुंचा है, उसके चलते प्रत्येक बीपीएल परिवार की कम से कम एक महिला के खाते में 25 हजार रूपए जमा कराए जाने चाहिए। राहुल ने कहा कि छोटे दुकानदारों और कारोबारों में आयकर और बिक्री कर में 50 प्रतिशत की भी छूट दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार को इस छूट के कारण राजस्व को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकारों को मुआवजा देना चाहिए।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने यह भी मांग की कि एक साल के लिए मनरेगा के तहत कार्यदिवसों और वेतन की दरों को दोगुना किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर के बाद से अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे लोगों की पहचान और पंजीकरण के लिए सरकार को एक विशेष अभियान चलाना चाहिए और उन्हें 31 मार्च तक न्यूनतम वेतन दर के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए। राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी का यह यज्ञ सिर्फ 50 परिवारों के लिए किया है जबकि गरीब और छोटे दुकानदारों को परेशानी उठानी पड़ी है। सरकार को इन लोगों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों में जमा धन जनता का है और उनके (मोदी के) द्वारा बैंक खातों पर लगाई गई सीमा तत्काल हटाई जानी चाहिए ताकि जनता की आर्थिक आजादी बहाल करने में मदद की जा सके। उन्होंने कहा, किसानों पर तेज मार पड़ी है। उन्हें किसानों के ऋण माफ कर देने चाहिए और उन्हें अधिकतम समर्थित मूल्य पर 20 प्रतिशत बोनस उपलब्ध कराना चाहिए। राहुल ने यह भी कहा कि छोटे दुकानदारों को आयकर और बिक्री कर में 50 प्रतिशत की छूट भी दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि उन्होंने गरीब लोगों को इतनी परेशानी क्यों दी और उनकी आर्थिक आजादी क्यों छीनी? उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी को यह जवाब देना चाहिए कि वह स्विस बैंक के सभी खाताधारकों की सूची लोकसभा और राज्यसभा के सामने कब रखेंगे? यह वही सूची है, जो स्विस सरकार उन्हें उपलब्ध करवा चुकी है। हम जानना चाहते हैं कि ये चोर कौन हैं और मोदी उन्हें बचा क्यों रहे हैं? प्रधानमंत्री के सामने रखे गए सवालों में राहुल ने पूछा, नोटबंदी लागू करने से पहले विमर्श और तैयारी की क्या प्रक्रिया अपनाई गई? जनता पर इस सख्त नीति को लागू करने से पहले विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों या आरबीआई से विमर्श क्यों नहीं किया गया? राहुल ने सरकार से उन सभी लोगों, संस्थानों और इकाईयों के नाम सार्वजनिक करने के लिए कहा, जिन्होंने आठ नवंबर के छह माह पहले बैंक खातों में 25 लाख रूपए या इससे अधिक राशि जमा कराई है। राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस का अर्थ एक-दूसरे को समझना है। कांग्रेस का अर्थ है, मैं अकेला नहीं हूं और मेरे अलावा भी कोई दृष्टिकोण है। कांग्रेस एक विचार है, कि सिर्फ मेरी मर्जी ही नहीं चलेगी। मुझे आपकी मर्जी भी जाननी होगी। कांग्रेस का अर्थ आप तक पहुंचना है, कांग्रेस का अर्थ आपको सुनना है। कांग्रेस मतलब एक-दूसरे को समझना है। समावेशी कांग्रेस के विपरीत भाजपा को विभाजनकारी बल बताते हुए उन्होंने कहा, मोदी सरकार आज हमारे देश के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर रही है। मोदी जी की नीतियां लोगों के बीच डर का मनोविज्ञान पैदा कर रही हैं। मोदी जी इस डर और दर्द को घृणा में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। नोटबंदी इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा, लक्ष्य चुनिंदा लोगों की सरकार चलाना, गरीबों से धन छीनना और उसे कुछ लोगों में बांट देना है। डर और गुस्सा फैलाओ, तथा उसके बल पर राज करो। हमने दिखाया है कि मोदी जी पर सवाल उठे हैं और उन पर आरोप हैं। उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।
स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के इतिहास की बात करते हुए राहुल ने कहा, कांग्रेस ने लोगों को स्वराज और स्वतंत्रता का अर्थ समझने में मदद की। कांग्रेस डर से लड़ने में मदद करती है। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी संचालन किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि सभी के लिए है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, मैं पहले कांग्रेस के साथ देशवासियों के संबंध पर बात करना चाहूंगा। यह दर्द और भावनाएं साझा करने वाला संबंध है। यह विचार कहता है कि आप अकेले नहीं हैं। उन्होंने इस विचार को एक नाम दिया और उसे कांग्रेस कहकर पुकारा।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले ने गरीबों से उनका धन लूट लिया है, और इसे देश के धनी लोगों को दिए जाने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा परेशान गरीब, किसान, मजदूर, मध्यवर्ग और आम जनता हुई है। आज का आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विरले ही पार्टी उपाध्यक्ष कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करता है। पार्टी के भीतर यह मांग जोर पकड़ती जा रही है कि राहुल गांधी को अब अपनी मां सोनिया गांधी की जगह ले लेनी चाहिए, यानी उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल लेना चाहिए। पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति ने भी हाल ही में मौखिक तौर पर सोनिया गांधी से अनुरोध किया था कि वे राहुल की पदोन्नति कर दें। समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।