इलाहाबाद, नोटबंदी होने से शराब की बिक्री में करीब 40 प्रतिशत कमी आई है। अब लोग केवल नोटों को खपाने में लगे हुए हैं। बैंकों में नोट जमा करने में दिक्कत होती देख इन नोटों को सरकारी बिलों के भुगतान में खपा कर लोग गदगद हो रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारी मानते हैं कि जबसे पुराने नोटों पर रोक लगी है तब से शराब की दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है। जब शराब की बिक्री कम होगी तो सरकार को राजस्व भी कम मिलेगा। नये नोट से अभी शराब खरीदने वालों की संख्या बहुत ही कम है और पुराने नोट न लेने के निर्देश सभी शराब की दुकानों पर दे दिये गये हैं। आबकारी अधिकारी के मुताबिक शराब की बिक्री सामान्य होने में अभी करीब एक महीने का समय लगेगा। शराब के एक बड़े डीलर मानते है कि आजकल शादियों का सीजन है और इस सीजन में लोग शराब ज्यादा खरीदते थे। इस नये नोट के चक्कर में शराब का कोई बड़ा आर्डर ही नहीं मिल रहा है। उन्होंने शादियों के सीजन को ध्यान में रखते हुये शराब की दुकान में बड़ा स्टाक लगा लिया था। अब बिक्री बहुत ही कम हो गयी है। जब बिक्री ही नहीं होगी तो सरकार को राजस्व कहां से मिलेगा। विभागों के अधिकारी जिन इलाकों में वसूली अभियान चलाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे या जिन इलाकों में अभियान बेअसर रहते थे और जहां के बारे में यही मानकर तसल्ली का रास्ता निकाल लिया गया था कि यहां गरीब रहते हैं, यहां से वसूली संभव नहीं है, वहीं से अब भरपूर बड़े नोट आते देख अधिकारी भी हैरत में हैं। अब उन्हें समझ आ रहा है कि डर और हिचक की वजह से अब तक वे कितना नुकसान सहते आए हैं।