बुलंदशहर, 500-1000 रूपए के नोट बंदी के कारण इंटर के छात्र ने आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र करेंसी चेंज करने के लिए पिछले तीन दिनों से अनूपशहर की एसबीआई बैंक के चक्कर काट रहा था। लेकिन छात्र की करेंसी चेंज नहीं हो सकी। इस वजह से छात्र गंगा मेले में भी नहीं जा सका। जिससे दुखी होकर छात्र ने आत्महत्या कर ली। मामला अनूपशहर के गांव मलकपुर का है। यहां का निवासी अमित जेपी विद्या मंदिर में इंटर का छात्र है। अमित ने सोमवार की रात 8 बजे अपने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। मृतक के चाचा ज्ञानवीर ने बताया कि अमित पिछले तीन दिनों से 500 और 1000 रूपए के नोट चेंज कराने के लिए बैंक के चक्कर काट रहा था, लेकिन नोट चेंज नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि घर में जो भी 50-100 के नोट थे वह खत्म हो चुके थे। और 500-1000 रूपए के नोट कोई ले नहीं रहा, जिससे दुखी होकर अमित ने ऐसा कदम उठाया। मृतक के चाचा ज्ञानवीर ने बताया कि देव दशहर पर अनूपशहर स्थित छोटी काशी में गंगा मेले पर अमित को अपने दोस्तों के साथ जाना था। लेकिन घर में एक भी 50 और 100 का नोट उसकी मां के पास नहीं था। ज्ञानवीर ने बताया कि मैंने अमित और उसकी दोनों बहनों को 150-150 रूपए दिए थे। लेकिन मेले में 150 रूपए से आखिर होता क्या है। इसी कारण अमित मेले में नहीं जा सका। जिससे नाराज होकर अमित ने सोमवार की रात अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भ्रष्टाचार को रोकने का सही कदम ज्ञानवीर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्लैक मनी रोकने के लिए जो कदम उठाया है वो एकदम सही है। उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम वापिस न लंे। हमने अपना बेटा खोया है लेकिन आप को और भी खून चाहिए तो इसके लिए भी तैयार है। मृतक के पिता नेपाल बोर्ड पर है तैनात ज्ञानवीर सिंह ने बताया कि मृतक अमित चौधरी के पिता प्रेमवीर सिंह बीएसएफ में है। बता दें कि प्रेमवीर सिंह की पोस्टिंग नेपाल बोर्ड पर है। ज्ञानवीर ने बताया कि उसके दो और भाई भी जाट रेजिमेंट में है।