लखनऊ, राजधानी के लखनऊ जक्शन और चारबाग रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर हजार और पांच सौ के नोटों के बंद होने का व्यापक असर पड़ा है। नोट बंदी के कारण बेटिकट यात्रियों पर जुर्माना नहीं लग रहा है, जिसके चलते बिना टिकट यात्री बेखौफ होकर यात्रा कर रहे हैं। वहीं टिकट की बिक्री घट जाने से लखनऊ जंक्शन को 1.44 करोड़ रूपये का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है। लखनऊ रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि हजार और पांच सौ के नोटों के बंद होने का असर यहां पर व्यापक तौर पर पड़ा है, जिससे टिकटों की बिक्री बहुत कम हो गई है। टिकट बिक्री कम होने से लखनऊ जक्शन को प्रतिदिन 1.44 करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि नोट बंदी के कारण स्टेशन पर बेटिकट यात्री बेखौफ होकर यात्रा कर रहे हैं। बिना टिकट यात्रियों को जब इन स्टेशनों पर पकड़ा जाता है तो बड़ी नोट पकड़ाकर चालान करने को कहते हैं। इसलिए टीटीई के पास छुट्टे नहीं होने के कारण बगैर जुर्माने के इन्हें छोड़ना पड़ता है। अधिकारी के मुताबिक, पुराने नोटों के चलन में छूट से आरक्षित टिकटों की बिक्री बढ़ गई है। वहीं अनारक्षित श्रेणी के टिकटों की बिक्री बिल्कुल घट गई है, जिससे रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है। नोटबंदी से पहले चारबाग और लखनऊ जंक्शन पर टिकटों की बिक्री क्रमशः2,09121 व 1,17,076 थी। वहीं अब यह 1,52,567 व 86,570 रह गई है। लखनऊ जंक्शन की आय नोटबंदी से पहले 1,55,64,515 थी जो अब 11,70,825 रूपये हो गई है। वहीं चारबाग रेलवे स्टेशन के आरक्षणों केंद्रों पर 5.70 लाख रूपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।