नयी दिल्ली, देश में नया कारोबार शुरु करने वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट ‘स्टार्टअप इंडिया’ कैंपेन का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्रीमोदी ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ प्रोजेक्ट का एक्शन प्लान पेश किया। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कई कंपनियों के सीईओ मौजूद थे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले साल पीएम मोदी ने लाल किले से स्टैंड अप इंडिया का नारा दिया था।वैश्विक स्तर पर पहचाने बनाने लायक स्टार्ट अप्स को सरकार 10 करोड़ रुपये की मदद देगी।
स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के पास करोड़ों समस्याएं हैं, लेकिन मुझे भरोसा है कि समस्याओं से दस गुना दिमाग हमारे पास है। हर स्टार्टअप के पीछे किसी समस्या के समाधान का इरादा होना चाहिये। किसी की जिंदगी में आने वाले बदलाव से संतोष मिलता है। साइबर सिक्योरिटी आज दुनिया की सबसे बड़ी चिंता है। क्या भारत इस क्षेत्र में काम कर सकता है।
भारत की युवा शक्ति पर जोर देते हुए मोदी ने कहा- हम सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश हैं। हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के लिये भी एप्लीकेशन तैयार करना चाहिये, ताकि इससे निर्माण करने वाले से सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। स्टार्टअप की दुनिया सिर्फ तकनीकी से नहीं इसके अलावा भी बहुत कुछ किया जा सकता है।
युवाओं को नौकरी ढूंढने की मानसिकता से बाहर निकलना होगा और नौकरी देने की मानसिकता को अपनाना होगा। आईटी के दायरे से बाहर निकल कर भी इनोवेशन करना होगा। भारत जैसा ‘जुगाड़’ दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। लेकिन जुगाड़ से सिर्फ अपनी समस्या का समाधान ढूंढा जाता है, सबके लिये समाधान पर काम करना होगा। बड़ी मात्रा में अनाज, फल-फूल, सब्जियां खराब हो जाती हैं, हमें ऐसी टेक्नोलॉजी पर ध्यान देना होगा जिससे इनका संरक्षण किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो दुनियाभर में करोड़ों लोगों का पेट भर जाएगा। किसी के लिये जो दर्द होता है, जो हमें दुआ देने की ताकत दे या ना दे हमारे भीतर ऐसी अवस्था पैदा करती है जो करोड़ों लोगों की समस्या हल कर देता है, वही स्टार्ट अप की नींव बनता है। स्टार्ट अप करने वालों की सफलता जोखिम लेने की क्षमता और कुछ नया साहस दिखाने के इरादे से मिलता है।
मोदी ने भारत की खोज करने वाले कोलंबस का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया को लगता है ये पागल है, लेकिन जो करता है वही जानता है कि क्या करना है। विचारों के साथ जुट जाना जरूरी होता है, ऐसा करने वाले ही एक दिन कमाल करते हैं। आपको यह बताना है कि हमें क्या नहीं करना है। 70 साल में हमने बहुत कुछ किया है हमने और हम कहां पहुंचे। इस बार न करने का निर्णय करें तो ये लोग 10 साल में देश को कहां पहुंचाएंगे। चाय बेचने वाला मोदी कुछ कर पाए या ना कर पाए, लेकिन देश के करोडो़ं नौजवान कुछ करे यह मेरी उम्मीद है।
स्टार्टअप इंडिया के आयोजन की शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने की। उद्घाटन सत्र में जेटली ने भरोसा दिया कि लाइसेंस राज खत्म किया जाएगा। लाइसेंस राज को ही स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। जेटली ने आश्वासन दिया कि सरकार अगले महीने बजट में एक अनुकूल कर प्रणाली की घोषणा करेगी।
‘स्टार्टअप इंडिया’ पर बोले राहुल गांधी राहुल ने मोदी के स्टार्ट अप अभियान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि असहिष्णुता और स्टार्टअप इंडिया अंतरविरोध है, स्टार्टअप इंडिया बहुत जल्द ही फेल हो जाएगा।