अयोध्या, बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने साफ तौर पर कहा है कि मंदिर.मस्जिद विवाद का समाधान न्यायालय के जरिये ही होना चाहिए। अंसारी ने कहा कि देश में अमन.चैन बना रहेए इसके लिये मंदिर और मस्जिद विवाद का हल न्यायालय के जरिये ही होना चाहिए। उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुये कहा कि कुछ राजनैतिक पार्टियां मंदिर निर्माण के लिये केन्द्र सरकार पर दबाव डाल रही हैं और वे अध्यादेश या कानून बनाकर मंदिर का निर्माण करना चाहते है।
उन्होंने कहा कि देश लोकतांत्रिक व्यवस्था से चल रहा है। यहां लोगों को अमन.चैन से रहने दिया जाये। राजनैतिक पार्टियां इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रही हैं। अंसारी ने कहा कि अयोध्या शांतिप्रिय धर्मनगरी है। यहां की हिन्दू.मुस्लिम एकता पूरे देश में चर्चित है। इसलिये हमारा यही मानना है कि इस विवाद को न्यायालय के माध्यम से हल किया जाये। उन्होंने कहा कि हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच बाहर समझौता का भी प्रयास हुआ है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने के कारण अब केवल एक रास्ता न्यायालय के निर्णय का ही बचा है। न्यायालय के निर्णय को पूरा मुस्लिम समाज आज भी मानने के लिये तैयार हैं।
अयोध्या में शिवसेना द्वारा संतों का आशीर्वाद और विहिप द्वारा आयोजित धर्मसभा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह दोनों संगठन अपनी तरह से धार्मिक कार्य कर रहे हैं। उन्होने आशंका जतायी कि कही इन कार्यों से अयोध्या के मुसलमानों को दिक्कत का सामना न करना पड़े। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन से मांग की है कि अयोध्या में बड़ी भीड़ को देखते हुए उनकी सुरक्षा की जाये। उन्होंने कहा कि वैसे तो अयोध्या नगरी में कई मेले आयोजित होते हैं और भीड़ भी बहुत होती है तब हम लोग सुरक्षा की कभी मांग नहीं करते हैं। मेले के आयोजन में और संगठन के कार्यक्रमों में काफी बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि मैं फिर दोहराता हूं कि मंदिर.मस्जिद का विवाद अदालत के माध्यम से ही हो।