पत्रकारों पर हमले व मीडिया संस्थानों पर छापेमारी के विरोध में राष्ट्रपति को लिखा रक्त से पत्र

प्रयागराज, संगम नगरी प्रयागराज में मीडियाकर्मीयो ने राष्ट्रपति को संबोधित रक्त पत्र लिखकर पत्रकारों पर हमले एवं मीडिया संस्थानों के दफ्तरों में आईटी के छापेमारी की कार्रवाई का विरोध दर्ज किया है।

प्रयागराज के प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े कर्मियों ने रविवार को सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरजाघर धरना स्थल पर लखनऊ में मीडिया संस्थानों पर हाल ही में की गई छापेमारी की कर्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया। मीडियाकर्मियों ने इसे सरकार के इशारे पर उत्पीड़न करार दिया।

राष्ट्रपति को संबोधित पोस्टकार्ड के जरिए मीडियाकर्मियों ने कहा कि यह कार्रवाई सरकार इशारे पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाना चाहती है, जिसको किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मीडिया संस्थानों के दफ्तरों पर आईटी की छापेमारी कराके सच की आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा। सरकार अगर समय रहते उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर अंकुश नहीं लगाती है तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जरूरत पड़ने पर सरकार के तानाशाही रवैए के खिलाफ मीडियाकर्मी लोकतांत्रिक तरीके से अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होंगें।

इस अवसर पर एनयूजे के पूर्व महासचिव वरिष्ठ पत्रकार रतन दीक्षित ने कहा हाल के दिनों में पत्रकारों पर हमले, एक न्यूज चैनल और मीडिया संस्थानों पर आयकर विभाग और सरकारी एजेंसियों द्वारा छापे मारे मारकर सरकार ने निष्पक्ष, निर्भीक एवं जनहित की पत्रकारिता को प्रभावित करने का प्रयास किया है। देश के किसी कालखंड में मीडिया की आजादी पर इस प्रकार के हमले न/न कभी बर्दाश्त किये गये हैं और भविष्य में भी नही करेंगे।

उन्होनें कहा कि यहां से पत्रकारों ने अपने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग किया है कि देश में स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए मीडिया की आजादी और स्वतंत्र पत्रकारिता पर सरकार द्वारा किसी प्रकार का दबाव में नहीं लेने की मांग की है।

इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अशोक चतुर्वेदी, सचिव मुनेंद्र बाजपेई, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वेलफेयर क्लब के अध्यक्ष आलोक सिंह, काशी जयसवाल, सुशील तिवारी, धीरेंद्र द्विवेदी, मानवेंद्र सिंह समेत अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।

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