परीक्षाओं में धांधली कर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने रविवार को नीट-यू.जी. आदि की परीक्षाओं में धांधली कर धन अर्जित करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है और गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान विक्रम कुमार साह पुत्र छोटे लाल निवासी ए-11 तृतीय तल, गणेश नगर, लक्ष्मीनगर, दिल्ली, धर्मपाल सिंह पुत्र स्व0 महेन्द्र सिंह निवासी आर0जेड-553/405 गली नं0 15, शिवपुर वेस्ट सागरपुर, नयी दिल्ली तथा अनिकेत कुमार पुत्र अभियानन्द यादव निवासी 2/40 जे0के व्लाक लक्ष्मीनगर, दिल्ली के रुप में की गयी है।

एसटीएफ ने उनके पास से छह कालिंग मोबाइल फोन, चार व्यक्तिगत मोबाइल फोन, दो कूट रचित आधार कार्ड, अभ्यर्थियों की डाटा शीट, पेन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, एवं चैक बुक तथा एक एप्पल मैक बुक आदि बरामद किया गया है।

एसटीएफ ने प्रतियोगी परीक्षाओं/इन्टैस परीक्षाओं में धांधली करने वाले गिरोह के विरूद्ध एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन कर कार्रवाई किये जाने के लिए निदेर्शित किया था। जिसके अनुपालन में अपर पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा, एस0टी0एफ0 फील्ड यूनिट, नोएडा व पुलिस उपाधीक्षक एस0टी0एफ0 फील्ड यूनिट, नोएडा नवेन्दु कुमार के पर्यवेक्षण में निरीक्षक सचिन कुमार/उ0नि0 सनत कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन कर कार्रवाई की जा रही थी।

अभिसूचना संकलन के दौरान शनिवार को एस0टी0एफ0 नोएडा की टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई की कुछ लोग चार मई को आयोजित/होने वाली नीट-यू0जी0 की परिक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थीयों के परिजनों से परीक्षा में पास कराने के नाम पर फोन पर धनराशि की मांग की जा रही है तथा इस गैंग के लोगों का आफिस थाना फेज-1 क्षेत्रान्र्तगत सेक्टर-3 नोएडा में स्थित है। इस सूचना को विकसित करने के उपरान्त एस0टी0एफ0 नोएडा की टीम द्वारा तत्काल गंतव्य स्थान पर पहुंच कर उपरोक्त तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी की गयी।

गिरफतार अभियुक्त विक्रम ने पूछताछ पर बताया की उसकी उम्र 30 वर्ष है। वर्ष 2011 में विक्रम दरभंगा बिहार से विनायका मिशन, विश्वविद्यालय, चेन्नई गया जहां पर बायो टक्नोलाजी में ग्रेजूऐशन के लिए एडमीशन लिया, यही पर इसकी मुलाकात अनिकेत से हुई और इन दोनो ने मिलकर 30 प्रतिशत कमीशन पर विनायका में एडमीशन कराने का काम करने लगे। यहां से पोस्ट ग्रेजूऐशन करने के बाद दिल्ली आ गये, यहां पर इनकी मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई और हम लोगो ने पहले यहां पर अपमू नाम से एक कम्पनी रजिस्टर करी और एम0बी0बी0एस0 के कैन्डीडेट्स का डाटा इकट्ठा करके उसको काॅल करके एडमीशन कराने के नाम पर पैसे लेकर ठगी का काम करने लगे।

ठगी करने के लिए प्रति अभ्यर्थी पास कराने के नाम पर पाँच लाख रुपये मांगा करते थे। यह रुपया एकाउन्ट में और पी0डी0सी0 चैक के माध्यम से लेते थे और कहते थे कि जो एग्जाम देते समय उत्तर आते हैं उन्हें ही ओ0एम0आर0 शीट में भरे बाकी खाली छोड़ दें। इस ओ0एम0आर0 शीट को निकाल कर इसमें सही उत्तर भर देने की बात कहते थे। यदि अभ्यर्थी का प्रवेश हो जाता तो पैसा इनका हो जाता। न होने की दशा में यह टालते रहते या अधिक दबाव पड़ने पर स्थान बदल कर भाग जाते। एक नयी कंपनी बनाकर नोएडा सेक्टर-3 के पते पर रजिस्ट्रेशन कराकर पुनः इसी धोखाधडी के काम में लग गये। नीट का एग्जाम नजदीक आने पर इनके कैन्डीडेट्स का डाटा इकट्ठा करके काॅल कराकर उनको एग्जाम में पास कराने के नाम पर पुनः पैसा ठगने का काम करने लगे।

गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के विरूद्ध थाना फेज-1 जनपद गौतमबुद्ध नगर पर मु0अ0सं0 182/2025 धारा 318,319,336,337,338,340,61(2) बी0एन0एस0 का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम वैधानिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है।

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