पर्यटन सेक्टर का कायाकल्प करेगी योगी सरकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार के बजट 2023-24 में पर्यटन विकास के लिये 237 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को बजट पेश करते हुये बताया कि प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख और विदेशी पर्यटकों की संख्या 4 लाख 10 हजार से अधिक रही।

उन्होने बताया कि ️अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्यांचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम समेत अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है।

सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रुपये की धनराशि से कराया जा रहा है। वहीं ️शक्ति पीठ मां शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह ️प्रयागराज के समेकित विकास के लिए 40 करोड़, ️पर्यटन नीति 2018 के तहत पर्यटन इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए 45 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ️बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास के लिए 40 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई। ️बुन्देलखण्ड के समेकित पर्यटन विकास के लिए 40 करोड़ रुपये दिये गये हैं। ️शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़, प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना के लिए 2.50 करोड़ रुपये की धनराशि अलाट की गई है। वहीं ️अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट के लिए 5 करोड़ और नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 2.50 करोड़ रुपये दिये गये हैं।

वित्त मंत्री ने संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य को लेकर बताया कि ️काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण पूरा होने के बाद पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए तीन मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य को अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी तरह मीरजापुर में प्रसिद्ध मां विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, मां अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। प्रयागराज में भजन संध्या स्थल की स्थापना और सीतापुर में प्रसिद्ध तपोस्थली नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है।

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