पर्यावरण मंत्री अनिल दवे को उम्मीद, जलीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी इजाजत

anil-madhav-daveनई दिल्ली,  तमिलनाडु में पोंगल के दौरान आयोजित होने वाले सांडों के साथ खेल जलीकट्टू मामले पर बुधवार को अन्नाद्रमुक सदस्य और राज्य पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने निवेदन किया है कि इस साल इस परंपरागत खेल के आयोजित करने की अनुमति दी जाए। साथ ही अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसपर अध्यादेश लाने का निवेदन किया है। बता दें कि कुछ सालों से इस खेल को बैन कर दिया गया है।

पर्यावरण मंत्री ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सकारात्मक न्याय होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वहां से उचित न्याय होगा और हम परंपरा के अनुसार अपने पर्व को मना सकेंगे। दवे ने कहा, आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं मिलूंगा और इस बारे में उनसे विमर्श करूंगा। हम हर पक्ष को देखेंगे और फिर कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक के एम. थंबिदुरई ने कहा, सरकार इसकी परंपरा को देखने के लिए कुछ अध्यादेश ला सकती है।

यदि आप लोकतंत्र में एकमात्र न्यायपालिका के साथ चलते हैं तो वह समाधान नहीं। मेरी दरख्वास्त है कि इस साल जलीकट्टू को निर्विरोध चलने दिया जाए। इससे पहले केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था, मेरा मानना है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक परंपरागत खेल है और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सांडों के साथ खेले जाने वाले खेल जलीकट्टू खेल पर प्रतिबंध लगा दिया था। तमिलनाडु में यह खेल पोंगल के दौरान आयोजित होता था जिसपर कुछ सालों से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उसके बाद कोर्ट ने फिर से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने पर भी मना कर दिया था।

 

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