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पश्चिमी उत्तर प्रदेश- महिलाओं को नही मिल रही, चुनावों मे पर्याप्त हिस्सेदारी

electionमेरठ, सत्ता दिलाने में आधी भूमिका होने के बाद भी राजनीतिक दलों ने महिलाओं को टिकट से वंचित किया हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में गिनी-चुनी महिलाओं को ही राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है। जबकि उनके वोट के बिना किसी की भी सरकार नहीं बनती, ऐसे में महिला नेत्री खुद को ठगा सा महसूस कर रही हैं। विधानसभा चुनावों में बाजी मारने के लिए भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस में शह-मात का गेम शुरू हो गया है। इस गेम को जिताने में आधी आबादी यानी महिलाओं की ताकत किसी से छिपी नहीं हैं, इसके बाद भी राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी बरत रहे हैं। इक्का-दुक्का सीटों को छोड़ दें तो किसी भी पार्टी ने महिलाओं को पर्याप्त टिकट नहीं दिए हैं।

2012 के चुनावों में बागपत से बसपा के टिकट पर हेमलता चौधरी चुनाव जीती थी। जबकि लोकसभा चुनावों के बाद हुए उप चुनाव में बिजनौर से सपा के टिकट पर रुचि वीरा और नोएडा से भाजपा के टिकट पर विमला बॉथम चुनाव जीती थीं। इसके अलावा कोई महिला विधायक मेरठ और आसपास के जिलों में दिखाई नहीं दे रही। वर्तमान में सपा से मेरठ में डाॅ. सरोजिनी अग्रवाल दो बार से एमएलसी जरूर हैं। वर्तमान विधानसभा चुनावों में कोई भी दल महिलाओं को ज्यादा टिकट देने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा। केवल सपा ने ही अभी तक मेरठ कैंट सीट से आरती अग्रवाल और बिजनौर से रूचि वीरा को टिकट दिया है। बसपा ने बुढ़ाना सीट से सैयद बेगम को टिकट दिया है। पुरकाजी से सपा ने दीप्ति को चुनाव मैदान में उतारा है।

अखिलेश यादव की सूची में पुरकाजी से विमला राकेश और नकुड़ से तब्बसुम के नाम है। अभी फाइनल स्थिति कुछ नहीं है। बागपत से विधायक हेमलता चौधरी की बजाय बसपा ने उनके पति पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी को गढ़मुक्तेश्वर से चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा विधायक विमला बाथम का टिकट भी अभी तक पक्का नहीं हुआ है। रालोद के टिकट पर महिला नेत्री के चुनाव मैदान में उतरने पर भी संशय कायम है। इसी तरह से कांग्रेस भी महिला नेत्री को चुनाव लड़ाती फिलहाल नहीं दिख रही। रालोद, सपा और कांग्रेस के टिकट गठबंधन की फांस में उलझे हुए हैं। साथ ही भाजपा के टिकट पर भी कोई महिला नेत्री चुनाव लड़ती नजर नहीं आ रही। संभावित उम्मीदवारों में भी महिला उम्मीदवार गायब है। हालांकि मेरठ दक्षिण सीट से भाजपा से राखी त्यागी दावेदारी जरूर कर रही है। नहीं तो गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, हापुड़, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर जिलों में भी महिलाओं को टिकट मिलने का इंतजार ही चल रहा है।

विभिन्न जनपदों में महिला मतदाताओं की संख्या मेरठ जनपद सिवालखास सीट पर 140026 महिलाएं, जिनकी प्रतिशतता 44.17 है। सरधना सीट पर 148618 महिलाएं, जिनकी प्रतिशतता 44.73 है। वहीं, हस्तिनापुर में 144836 महिला मतदाता हैं, जो 44.40 फीसदी हैं। किठौर में 149668 (44.24 प्रतिशत), मेरठ कैंच में 183361 (45.73 प्रतिशत), मेरठ शहर में 136177 (45.06 प्रतिशत) और मेरठ दक्षिण में 191663 (44.71 प्रतिशत) महिला मतदाता हैं। इसी प्रकार बागपत जनपद के बागपत सीट पर 132177 महिला मतदाताओं की संख्या है, जो कुछ मतदाताओं का 43.94 फीसदी है। बड़ौत में 125833 (43.81 प्रतिशत) और छपरौली में 138452 (43.67 प्रतिशत) है। मुजफ्फरनगर जनपद के मुजफ्फरनगर सीट पर 152572 महिला मतदाता हैं, जिनकी प्रतिशतता 45.68 है। जबकि, खतौली में 137915 (46.19 प्रतिशत), पुरकाजी में 141779 (45.17 प्रतिशत), बुढ़ाना में 162513 (45.30 प्रतिशत) और चरथावल में 141648 महिला मतदाता (45.14 प्रतिशत) है। शामली जनपद के शामली सीट पर 133295 महिला मतदाता हैं, जिनकी प्रतिशतता 44.70 है। कैराना में 136487 (45.49 प्रतिशत) और थानाभवन में 139653 (45 प्रतशत) है। जबकि सहारनपुर जनपद के सहारनपुर नगर सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या 182625 है, जो कुछ वोटरों की 46.50 फीसदी है। इसके अलावा, बेहट में 156553 (45.66 प्रतिशत), नकुड़ में 153665 (46.41 प्रतिशत), सहारनपुर में 144982 (45.81 प्रतिशत), देवबंद में 149565 (45.75 प्रतिशत), रामपुर मनिहारान में 136552 (45.97 प्रतिशत) और गंगोह में 163949 (46.20 प्रतिशत) है। बिजनौर जनपद के बिजनौर में महिला मतदाता 170634 हैं, जिनकी प्रतिशतता 47.25 है। ऐसे ही नजीबाबाद में 154475 (46.90 प्रतिशत), नगीना में 153323 (46.17 प्रतिशत), बढ़ापुर में 156876 (46.45 प्रतिशत), धामपुर में 130445 (46.25 प्रतिशत), नहटौर में 133125 (46.60 प्रतिशत), चांदपुर में 144893 (46.47 प्रतिशत) और नूरपुर 140075 (46.23 प्रतिशत) है।

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