नई दिल्ली, प्रो रेसलिंग लीग में इस बार 12 ऐसे भारतीय खिलाड़ी होंगे जो पहली बार लीग में ओलंपिक पदक विजेताओं का सामना करते दिखाई देंगे। इनमें पंजाब टीम में शामिल 74 किलो में जितेंद्र और इसी टीम की 58 किलो वर्ग की मंजू राष्ट्रीय चैंपियन हैं। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उभरते खिलाडियों को बढ़ावा देना हमारी शुरू से प्राथमिकता रही है। हम फेडरेशन के स्तर पर कैडेट और जूनियर वर्ग के पहलवानों पर खास ध्यान दे रहे हैं।
यही वजह है कि इस वर्ग के पहलवान अब सीनियर में पहुंचकर अच्छा प्रदर्शन करने लगे हैं। लीग के प्रमोटर प्रो स्पोर्टीफाई के संस्थापक कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं के साथ मुकाबला करके अपने स्तर को ऊंचाइयों पर ले जाएंगे जिससे भारतीय कुश्ती को विश्व स्तर पर एक कदम और बढ़ाने में मदद मिलेगी। जितेंद्र, कृष्ण और मंजू ने इस साल नंदिनीनगर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किए थे जबकि संगीता फोगाट ने भी इसी साल जूनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का 55 किलो का स्वर्ण अपने नाम किया।
विभिन्न आठ टीमों में चुने गए कुछ पहलवान ऐसे भी हैं जिन्होंने इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाकेदार प्रदर्शन करके सबका दिल जीता है। अब पीडब्ल्यूएल उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण मंच साबित होगा। जयपुर टीम के विनोद ओमप्रकाश और पूजा ढांडा, मुंबई टीम के प्रीतम और दिल्ली टीम की संगीता फोगाट ऐसे ही कुछ नाम हैं। विनोद ने इस साल बैंकॉक में एशियन सीनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर उस दल में संदीप तोमर के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
पूजा ढांडा युवा ओलंपिक की पूर्व रजत पदक विजेता रह चुकी हैं। प्रीतम ने इस साल मनीला (फिलीपींस) में एशियन जूनियर कुश्ती में रजत पदक जीतकर अपने अंदर काफी सम्भावनाएं उजागर कीं जबकि संगीता एशियाई कैडेट कुश्ती में रजत पदक जीत चुकी हैं। हरियाणा टीम के सुमित सहरावत और इंदु चौधरी इस साल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बेशक पदक नहीं जीत पाए लेकिन इनमें काफी क्षमता है। पंजाब टीम के पंकज राणा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं।