जौनपुर , उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जल संरक्षण के लिए पांच बड़े तालों को संवारने के साथ ही छह नदियों की भी खुदाई कराई जाएगी।
मनरेगा के उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि नदियों का सर्वे ड्रोन से कराया जाएगा जिससे उनकी वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके। इस कार्य से ताल व नदियों को तो संजीवनी मिलेगी,साथ ही 15 हजार श्रमिकों को कार्य भी मिलेगा। मनरेगा की ओर से इस मेगा प्रोजेक्ट का खाका खींचा जा रहा है । इस पर 20 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है नदियों की अविरल धारा को बनाए रखना भी इस पहल का हिस्सा है ।
उन्होंने कहा कि नदियों के साथ ही जौनपुर शहर के समीप आरा गांव में 135 हेक्टेयर का ताल, खेतासराय का गूजरताल, सुजानगंज का रेहुआ ताल व भोसिला ताल की खोदाई कराई जाएगी। अस्तित्व खो रही नदियों को भी उनके मूल स्वरूप में लाने के लिए खोदाई कराई जाएगी जिससे नदियों की अविरल धारा बनी रहे। इसके साथ ही शाहगंज व सुईथाकला की कुंवर नदी, जलालपुर-रामनगर में नाद नदी, शाहगंज की बेसहू, वरुणा, बसुई व पीली नदी की भी खोदाई की विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है ।
श्री सिंह ने कहा कि अस्तित्व खो रही कुंवर नदी के 57 किमी क्षेत्र को उसके मूल स्वरूप में लाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस नदी के अस्तित्व में आने के बाद बीस ग्राम पंचायतों को लाभ मिलेगा। सुईथाकला ब्लाक की 11 ग्राम पंचायतें, जबकि शाहगंज ब्लाक की नौ ग्राम पंचायतों से होते हुए यह नदी गुजरी है। ऐसे में पांच हजार से अधिक लोगों को इससे लाभ मिलेगा। जगह-जगह चेकडैम भी बनाए जाने से किसानों को जहां सुविधा होगी, वहीं आस-पास क्षेत्र का जलस्तर भी बढ़ सकेगा। जल संरक्षण की दिशा में यह पहल नजीर बनेगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इसमें 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।