आगरा, पाकिस्तान के साइबर ठगों ने आगरा में आयकर विभाग के दो अधिकारियों से लाखाें रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है।
पीड़ितों ने ठगी की शिकायत साइबर अपराध पोर्टल पर की और थाना सिकंदरा को सूचना दी। प्रभारी निरीक्षक नीरज शर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच साइबर सेल को दी गई है। पुलिस साइबर विशेषज्ञों के माध्यम से ठगों की खोजबीन में जुट गई है।
सूत्रों के अनुसार करीब दस अधिकारियों, कर्मचारियों को पाकिस्तान के नंबरों से फोन करके ठगी करने का प्रयास किया गया। ठगों को दो मामलों में कामयाबी मिल गई और उन्होंने लाखों रुपये वसूल भी लिए। मंगलवार को भी इन ठगों ने एक-दो आयकर अधिकारियों को फोन कर अपने झांसे में लेने का प्रयास किया।
ठगों ने आयकर अधिकारी विशाल गोयल और आयकर इंस्पेक्टर उमेश कश्यप को अलग-अलग फोन कर उनके बेटों के लड़की के अपहरण में फंसने की बात कही और उन्हें बातों में फंसा कर अपने बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करा लिए। सिकंदरा के ऋषिपुरम के रहने वाले उमेश कश्यप के दो पुत्र हैं। एक आगरा में उनके साथ रहकर पढ़ रहा है और दूसरा मुरादनगर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। रविवार को उनके पास अंजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद का परिचय दरोगा विजय कुमार के रूप में दिया। उसने कहा कि आपका पुत्र चार अन्य दोस्तों के साथ लड़की के अपहरण के मामले में फंस गया है।
पहली बार में उमेश ने अपने बेटे के साथ होने की बात कहकर फोन काट दिया। इसके बाद उमेश ने दूसरे बेटे को फोन किया तो उसका फोन बंद मिला। इस पर वह डर गए और उन्होंने उसी नंबर पर दोबारा कॉल कर बात की। ठग ने बेटे के दोस्तों के चक्कर में गलत फंसने का हवाला दिया। छुड़ाने के नाम पर छह बार में 1.20 लाख रुपये अलग-अलग खातों में डलवा लिए। रुपये भेजने के बाद बेटे से फोन पर बात हुई तो पता चला कि वह इम्तिहान में बैठा हुआ था और इसी कारण उसका फोन बंद था। इस पर उमेश को ठगी का अहसास हुआ।
ठगों ने इससे पूर्व विशाल गोयल के साथ भी इसी प्रकार ठगी की गई। विशाल अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान थे, ऐसे में बेटे के फंसने की बात से और भयभीत हो गए और उन्होंने ठग की बातों में आकर रकम भेज दी। बिल्कुल इसी तरह का ताजा मामला मंगलवार को आयकर राजपत्रित अधिकारी एसोसियेशन (आईटीगोआ) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी के साथ भी हुआ लेकिन वे अपनी सतर्कता से ठग के झांसे में आने से बच गए।
पता चला है कि ठगों द्वारा पाकिस्तान के एसटीडी कोड (+92) नंबरों से फोन किए जा रहे हैं। फोन नंबर की डीपी में किसी पुलिस दरोगा का फोटो लगा रखा है और बात करने का अंदाज भी पुलिसिया लहजे वाला होता है। समझा जाता है कि ठगों ने विभाग की वेबसाइट से आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों के फोन नंबर उठा लिए हैं और उन्हें एक- एक कर निशाने पर लिया जा रहा है।
इस मामले में जहां पुलिस की साइबर सेल जांच में जुट गई है तो आयकर विभाग ने अपने स्तर पर भी साइबर विशेषज्ञों से सलाह लेनी शुरू कर दी है। विभाग ने अपने सभी लोगों को ऐसे मामलों के प्रति अलर्ट भी कर दिया है।