नई दिल्ली, सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने की दिशा में सरकार एक कदम और आगे बढ़ गई है। केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इसकी सीमा आठ लाख रुपये सालाना करने की सिफारिश के साथ फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास भेज दी है। अब जल्द ही यह मामला विचार के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद के आगामी शीत सत्र के दौरान कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस समय पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27 फीसद आरक्षण दिया जाता है, बशर्ते उनके परिवार की अधिकतम आमदनी छह लाख रुपये सालाना हो। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह में इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसकी सीमा बढ़ाने की फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय के पास भेज दी गई है। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के इस कदम को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। मोदी सरकार ने इसी साल जुलाई में क्रीमी लेयर की समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा था।