नई दिल्ली, अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरियों के लिए आरक्षण का लाभ अब नहीं मिलेगा। इन पदों के लिए नौकरी पाने की इच्छा रखने वालों को अब सामान्य वर्ग की तरह ही माना जायेगा। यह फैसला केंद्र की मोदप सरकार ने लिया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्पीड पोस्ट के जरिए देश के सभी 40 केंद्रीय विश्विद्यालयों को इस संबंध में नोटिस भी भेज दी है। यूजीसी द्वारा भेजे गए इस नोटिस के मुताबिक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर ओबीसी के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर इसे सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर लागू रखने का आदेश दिया है। यानी की अब प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। जबकि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को तीनों पदों यानी प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पर आरक्ष्ण का लाभ मिलेगा। इस अहम फैसले के पीछे कारण नहीं बताए गए हैं।