पिता के लाड़-प्यार से भरी फिल्मों को मिलती है सराहना


मुम्बई, बॉलीवुड के फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों में पिता के किरदार को प्रभावशाली ढंग से कम ही पेश किया है लेकिन जब-जब पिता का दमदार किरदार सिल्वर स्क्रीन पर नजर आया है उसे दर्शको की भरपूर सराहना मिली है।

पिता के प्रति भावनाओं को दर्शाने के लिए अमेरिका समेत विश्व के अधिकतर देशों में हर वर्ष जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। हालांकि, कुछ देशों में यह जून के विभिन्न तारीखों को मनाने का प्रचलन है। समय-समय पर बॉलीवुड की कई फिल्मों में पिता के प्रभावशाली किरदार को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया है।

फिल्म इतिहास के पन्नों को पलटने पर पता चलता है कि वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म आवारा में पृथ्वीराज कपूर ने पिता का रोबदार किरदार निभाया था। इस फिल्म में उन्होंने राजकपूर के पिता की भूमिका निभाई थी। पिता-पुत्र के आपसी द्वंद को प्रदर्शित करती फिल्म आवारा में इन दोनों दिग्गज कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

पिता के दमदार किरदार वाली पृथ्वीराज की फिल्मों में मुगल ए आजम भी शामिल है जिसमें उन्होंने ट्रेजेडी दिलीप कुमार के पिता की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म कल आज और कल में उन्होंने एक बार फिर से राजकपूर के पिता की भूमिका निभाई थी।

बॉलीवुड की फिल्मों में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन पिता के प्रभावशाली किरदार निभाने में महारत हासिल रखते है। पिता के दमदार भूमिका वाली उनकी फिल्मों में रवि चोपडा निर्देशित.बागवान.. खास तौर पर उल्लेखनीय है। इसके अलावा ऐसी भूमिका वाली उनकी फिल्मों में इंद्रजीत, कभी खुशी कभी गम, मोहब्बते,कभी अलविदा ना कहना, सरकार, एक रिश्ता द बांड ऑफ लव, .वक्त, सरकार राज, फैमिली, पीकू , 102 नॉट आउट शमिल है।

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