लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवेश कोआर्डिनेटर का दावा है कि पीएचडी आर्डिनेंस यूजीसी की गाइडलाइन से तैयार किया गया है। लेकिन इस गाइडलाइन में डिग्री शिक्षकों के संबद्ध में दिए गये निर्देश को पूरी तरह नजरअन्दाज किया गया।
इसके अनुसार जिन डिग्री शिक्षकों के दो पब्लिकेशन है, तथा वह स्थायी रुप से कार्यरत है, उन्हें पीएचडी कराने का हकदार माना गया अनेक विश्वविद्यालय में इस निर्देश पर अमल हो रहा है। इससे विद्यार्थियों के समक्ष भी अधिक विकल्प उपलब्ध होते है। इसके अलावा डिग्री शिक्षकों की ए.पी.आई में रिसर्च कराने के अंक निर्धारित है। लेकिन यहां उन्हें वंचित रखने का प्रयास किया गया। इसे बेहद सीमित कर दिया गया। जबकि यूजीसी की गाइडलाइन पूरी तरह स्पष्ट है। इसे भारत सरकार के राजपत्र में भी प्रकशित किया गया।