पटना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उनकी सबसे बड़ी खासियत है कि वे फ्रंट से लीड करते हैं जो हिम्मत का काम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन वर्ष के कार्यकाल पर आधारित उदय महोरकर द्वारा लिखित पुस्तक सवा अरब भारतीयों का सपना के हिंदी संस्करण का रविवार को लोकार्पण किया गया। नीतीश ने कहा कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात होती है शासन, देश और आमजन का नेतृत्व करना और यह कोई साधारण बात नहीं पर सफल वही होता है जो फ्रंट से लीड करता है।
इस मामले में नरेंद्र भाई मोदी जी फ्रंट से लीड करते हैं जो देश के विकास और लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम लोग सांसद भी रहे हैं तो कई प्रधानमंत्रियों को देखा कि फ्रंट से लीड नहीं करते थे। नीतीश ने कहा कि फ्रंट से लीड करना देश के विकास और लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि फ्रंट से लीड करने के साथ जिम्मेदारी भी लेनी पड़ेगी। अगर सफलता है तो उसका श्रेय मिलेगा। कोई कठिनाई आएगी तो उसकी भी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी और यह हिम्मत का काम है।
नीतीश ने कहा कि यह बात मन में आती है कि कोई अच्छा काम हो रहा है तो उसका श्रेय हमको मिले और कहीं कोई गड़बड़ी हो गयी तो उसकी जिम्मेदारी किसी और पर आए। पहले ऐसा हम लोग देखते रहे हैं और ऐसा कांग्रेस के कार्यकाल में देखने को मिलता था कि सफलता का श्रेय किसी और को मिलता था। भले ही उनका कोई योगदान हो या न हो पर अगर असफल होने की स्थिति में उसकी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपी जाती थी।
इसको फ्रंट से लीड करना नहीं कहते तो सबसे बड़ी खासियत है फ्रंट से लीड करना और दूसरी बात है हिम्मत और साहस का परिचय देना। उन्होंने कहा कि हम तो अलग थे फिर भी हमने नोटबंदी लागू किए जाने का तत्काल समर्थन किया और सर्जिकल स्ट्राईक को देश हित में बताया जबकि जीएसटी को लागू किए जाने के पूर्व से पक्षधर थे। नीतीश ने केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी लागू करने पर कहा कि शुरूआती दौर में कुछ तो कठिनाई महसूस होगी और लोग उसको लेकर टीका टिप्पणी करेंगे, पर बाद में सभी उसकी प्रशंसा करेंगे यह बहुत अच्छा हुआ।