कोपेनहेगन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां दूसरे भारत नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से पहले आईसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्डोतिर, स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन, नार्वे के प्रधानमंत्री जोनास गार स्टोर और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मैरीन से आज यहां अलग अलग द्विपक्षीय मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि आइसलैंड की प्रधानमंत्री के साथ श्री मोदी की यह दूसरी बैठक थी जिसमें दोनों नेताओं ने भूतापीय ऊर्जा, ब्लू इकॉनोमी, आर्कटिक, नवीकरणीय ऊर्जा, मछली पालन, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा, डिजीटल विश्वविद्यालय और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की। भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में आइसलैंड की विशेषज्ञता है और दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग पर बल दिया।
उन्होंने लैंगिक समानता के सुश्री जैकोब्स्डोतिर के प्रयासों की सराहना की और भारत में इस दिशा में किये गये कामों की जानकारी दी। बैठक में यूरोपीय संघ भारत मुक्त व्यापार समझौते तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर भी बातचीत हुई।
श्री मोदी ने नॉर्वे के प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों की गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग के नये क्षेत्रों के बारे में चर्चा की। श्री मोदी ने नॉर्वे के कौशल एवं भारत में संभावनाओं को एक दूसरे का पूरक बताया और ब्लू इकॉनोमी, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, सौर एवं पवन ऊर्जा, हरित जहाजरानी, मछली पालन, जल प्रबंधन, वर्षाजल संग्रहण, अंतरिक्ष, दीर्घकालिक अवसंरचना निवेश, स्वास्थ्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को सघन बनाने की क्षमताओं पर चर्चा की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने स्वीडन की प्रधानमंत्री के साथ अपनी प्रथम बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और लीड आईटी इनीशिएटिव में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। भारत एवं स्वीडन के रिश्ते समान मूल्यों, कारोबार, निवेश और शोध एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग तथा वैश्विक शांति, सुरक्षा एवं विकास को लेकर समान रुख के मजबूत आधार पर खड़े हैं। वर्ष 2018 में श्री मोदी ने स्वीडन में एक व्यापक संयुक्त कार्य योजना को मंजूरी देने के साथ ही एक संयुक्त नवान्वेषण साझीदारी करार पर हस्ताक्षर किये थे।
आज की बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझीदारी में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कार्य सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित लीड आईटी इनीशिएटिव यानी लीडरशिप ग्रुप ऑन इंडस्ट्री ट्रांसीशन की प्रगति पर संतोष जताया। इसका विश्व की सबसे भारी ग्रीनहाउस गैसों के उर्त्सजन कम करना है। इस समूह में 16 देश एवं 19 कंपनियां हैं। दोनों नेताओं ने नवान्वेषण, जलवायु प्रौद्योगिकी, ग्रीन हाइड्रोजन, अंतरिक्ष, रक्षा, नागर विमानन, आर्कटिक, ध्रुवीय अनुसंधान, सतत उत्खनन, कारोबार एवं आर्थिक संबंधों के बारे में भी चर्चा की। इसके अलावा दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर भी बातचीत की।
फिनलैंड की प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में श्री मोदी ने भारत फिनलैंड विकासात्मक साझीदारी के तेजी से बढ़ने पर संतोष जताया। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्रों में साझीदारी को मजबूत करने पर जोर दिया।