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पीएम मोदी ने राहुल गांधी को दी ये चुनौती…….

संतेमारनहल्ली ,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाटक में अपने तूफानी चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह राज्य में सिद्धरमैया सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज का टुकड़ा पढ़े बिना ‘‘ किसी भी भाषा में ’’ 15 मिनट बोलकर दिखाएं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार में डूबी राज्य की कांग्रेस सरकार विकास के केंद्र के प्रयासों को असफल करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए मोदी ने यह भी कहा कि वर्तमान में जो पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं , उन्हें इतिहास और देश की विरासत के बारे में ‘‘ कोई समझ नहीं ’’ है।

मोदी ने यहां चुनावी रैली में कहा , ‘‘ मैं कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देता हूं कि वह अपनी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों पर कागज का टुकड़ा पढ़े बिना कर्नाटक में हिन्दी , अंग्रेजी या अपनी मां की मातृभाषा में 15 मिनट बोलकर दिखाएं  कर्नाटक के लोग अपना खुद का निष्कर्ष निकाल लेंगे। वह राहुल गांधी की उस चुनौती का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों पर 15 मिनट के लिए संसद में बोलने दिया जाए तो प्रधानमंत्री 15 मिनट बैठ नहीं पाएंगे।

मोदी ने कहा , ‘‘15 मिनट उनका बोलना अपने आप में एक बड़ी चीज होगा। और जब मैं सुनता हूं कि मैं बैठ नहीं पाऊंगा , तो मैं सोचता हूं … वाह , क्या दृश्य है यह ? कांग्रेस अध्यक्ष सर , हम आपके सामने नहीं बैठ सकते। आप एक ‘ नामदार ’ हैं , जबकि मैं ‘ कामदार ’ हूं। आपके सामने बैठने की हमारी कोई हैसियत नहीं है। ’’

प्रधानमंत्री ने राज्य में अपनी 15 रैलियों में से पहली रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य में भाजपा के पक्ष में ‘‘ कोई साधारण लहर नहीं , बल्कि तूफानी लहर ’’ चल रही है।  मई दिवस के अवसर पर श्रमिकों को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के तहत हुए गांवों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण में श्रमिकों के योगदान को राहुल गांधी मान्यता नहीं दे रहे हैं।

मोदी ने कहा कि 28 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि हमारे ‘‘ परिश्रमी लोगों ने ’’ मणिपुर स्थित बिजलीरहित अंतिम गांव लीसांग तक भी बिजली पहुंचा दी। उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन कांग्रेस के नए नेता ने इसे संभव बनाने वाले श्रमिकों की सराहना में दो शब्द भी नहीं कहे। ’’