नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गुजरात में सोमनाथ से जुड़ी तीन अहम परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
प्रधानमंत्री इसके साथ ही मां पार्वती मंदिर का शिलान्यास भी करेंगे। इस वर्चुअल कार्यक्रम में श्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह भी जुड़ेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं और श्री शाह ट्रस्ट के सदस्य। सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 11 मई 1951 को की थी।
प्रधानमंत्री जिन तीन योजनाओं की शुरुआत करेंगें उनमें सबसे अहम योजना ‘समुद्र दर्शन पथ’ है। करीब 47 करोड़ रुपए की लागत से इस ‘प्रोमनेड’ को बनाया गया है । करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे और 27 फीट चौड़े इस समुद्र दर्शन पथ के साथ जुड़ी दीवार पर शिव पुराण के आधार पर भगवान शिव के जीवन से जुड़े चित्र बनाए गए हैं। यह योजना केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की तीर्थ यात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत मुहिम के तहत प्रसाद योजना के तौर पर पूरी की गई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री एक प्रदर्शनी कक्ष का भी लोकार्पण करेंगे।
इस कक्ष में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के समय खुदाई से निकली मूर्तियां और दूसरी सामग्री को रखा गया है। इस खुदाई में तीन पुराने मंदिरों के अवशेष मिले थे। नागर शैली में बने सोमनाथ मंदिर के इतिहास, धार्मिक महत्व के साथ वास्तुशिल्प के बारे में भी यहां जानकारी मिल पाएगी। करीब 45 करोड़ रुपए की इस परियोजना को ‘सोमनाथ एक्ज़ीबिशन गैलरी’ का नाम दिया गया है।
प्रधानमंत्री सोमनाथ मंदिर परिसर में उस पुनर्निर्माण का भी लोकार्पण करेंगे, जिसे इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1783 से 1787 के बीच बनवाया था। इस पर आया करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का खर्च सोमनाथ ट्रस्ट ने दिया है। श्री मोदी जिस पार्वती मंदिर का शिलान्यास करेंगे, उस पर करीब तीस करोड़ का खर्च आएगा। इसका निर्माण दानदाताओं की मदद से होगा, सरकार का पैसा इसमें नहीं लगेगा।
सरकार सोमनाथ में पर्यटन सुविधाओं के विकास पर ज़ोर दे रही है।इसके लिए 282 करोड़ रुपए का मास्टर प्लान बनाया गया है। इसमें 111 करोड़ रुपए पर्यटन मंत्रालय खर्च करेगा, जबकि 171 करोड़ रुपए केन्द्र और राज्य सरकार की कई एजेंसियों के साथ सोमनाथ ट्रस्ट से मिलेंगे।
इसके तहत केशोद एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरु करने के साथ सी-प्लेन, क्रूज, फेरी और बोट सर्विस भी शामिल हैं। सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए उस वक्त महात्मा गांधी की सलाह पर सरदार पटल ने सोमनाथ ट्रस्ट के माध्यम से सार्वजनिक दान से कराने का निर्णय किया था। 23 जनवरी 1949 को सोमनाथ ट्रस्ट बनाने का फ़ैसला हुआ और 15 मार्च 1950 को ट्रस्ट ने काम शुरु किया। सोमनाथ ट्र्स्ट के पहले अध्यक्ष जामसाहब दिग्विजय सिंह थे , जो उस वक्त सौराष्ट्र राज्य के राजप्रमुख बनाए गए थे।