लखनऊ, उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चल रही बातों पर विराम लग चुका है। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशान्त किशोर का प्लान उत्तर प्रदेश में फ्लाप हो चुका है। सपा और कांग्रेस ने अलग- अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गौरतलब हो कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस से 100 सीटों की मांग की थी। इसके अलावा अमेठी और रायबरेली की अधिकांश विधानसभा सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारना चाह रही थी। कांग्रेस 100 सीटों से कम पर समझौता नहीं करना चाहती थी।
वहीं सपा ने शुक्रवार को कांग्रेस के टिकट पर जीते 10 विधायकों की सीटों पर भी अपने प्रत्याशी घोषित करके एक प्रकार से गठबंधन से टूटने का संदेश दे दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सुलह समझौते के प्रयास में था। अन्ततः बात नहीं बनी और गठबंधन की अटकलों पर विराम लग गया। अब उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। वहीं सपा प्रवक्ता सीपी राय ने कहा कि गठबंधन की कुछ शर्तें होती हैं। जहां पर हमारे सिटिंग विधायक हैं। वह सीट तो सपा दे नहीं सकती है।
गठबंधन का मतलब होता है कि जहां पर हमारे विधायक नहीं है उसमें से कुछ सीटों पर सहमति बन सकती थी। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गयी है। प्रत्याशियों के नाम भी तय कर लिये गये है। जल्द घोषणा कर दी जायेगी। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने उत्तर प्रदेश में छोटे दलों से गठबंधन करने का संकेत दिया है। कांग्रेस अब छोटे दलों जैसे रालोद, पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है।