पीसीपीएनडीटी एक्ट में बदलाव के विरूद्ध खोला मोर्चा

linganupatलखनऊ,  लखनऊ शहर में पीसीपीएनडीटी एक्ट में बदलाव के विरूद्ध स्वयंसेवी संगठनों और संस्थाओं ने मोर्चा खोल दिया है। समाजसेवी संगठन चलाने वाली डाॅ. नीलम सिंह ने एक्ट को सही न बताते हुये कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट को लचर किये जाने की साजिश हो रही है और इसमें कोई बदलाव नही होने चाहिये। डाॅ. नीलम सिंह ने एक पत्रकार वार्ता करते हुये कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट एक्ट में कोई बदलाव न हो और इसका हर स्तर पर कड़ाई से पालन होना चाहिये। सरकार इस एक्ट को सिविल करने जा रही है, वहीं इसे क्रिमिनल ही रहने दिया जाना चाहिये। हमारी जागरूकता से ही समाज में बदलाव आयेगा और इसके लिये हम समाज में जायेंगे। हमारे साथ एक दर्जन से अधिक स्वयंसेवी संगठन व संस्थायें नये नियम का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि जब से यह एक्ट बना है, अभी तक 70 डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इससे आपराधिक कृत करने वालो में दहशत का माहौल रहता है। वहीं लिंग बताने वाली संस्थाएं नियमतरू कोई कार्य करती है। हमारे देश में लगातार लिंग अनुपात में गिरावट आ रही है और इसको लेकर समाज को सतर्क करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात में यूपी में तीन गुना लगभग एक लाख तैतीस हजार लड़कियां कम है। एसआएस की सांख्यिकीय रिर्पोट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 878 (2011-उकंेीय 2013) लिंगानुपात है।

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