लाहौर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अंतरिम अध्यक्ष नजम सेठी दूसरे कार्यकाल के लिये अपनी दावेदारी पेश नहीं करेंगे।
पिछले दिसंबर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ द्वारा नियुक्त अंतरिम प्रबंधन समिति का नेतृत्व करने के बाद सेठी पीसीबी अध्यक्ष के रूप में बने रहने के प्रबल दावेदार थे। अंतरिम समिति का कार्यकाल बुधवार को समाप्त होने वाला है।
प्रधानमंत्री पाकिस्तान में क्रिकेट बोर्ड के संरक्षक हैं और पीसीबी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में अध्यक्ष सहित दो सदस्यों की सीधी नियुक्ति करते हैं। शरीफ सरकार इस समय आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सहयोग से चल रही है। हाल के हफ्तों में पीपीपी ने मांग की है कि उसके उम्मीदवार को पीसीबी का नया अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, क्योंकि गठबंधन में खेल मंत्रालय उसके पास है।
सेठी ने अपने आप को इस रस्साकशी से अलग करते हुए मंगलवार आधी रात के बाद ट्वीट किया, “ मैं आसिफ जरदारी और शहबाज शरीफ के बीच विवाद का कारण नहीं बनना चाहता। इस तरह की अस्थिरता और अनिश्चितता पीसीबी के लिये अच्छी नहीं है। इन परिस्थितियों में मैं पीसीबी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं हूं। सभी हितधारकों को
शुभकामनाएं। ”
पूर्व पीसीबी अध्यक्ष जका अशरफ को पीपीपी का समर्थन प्राप्त है और वह प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त दो उम्मीदवारों में से एक हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि सेठी पिछले दिसंबर रमीज राजा की जगह पीसीबी के अध्यक्ष बने थे। शरीफ सरकार ने उन्हें 2014 के संविधान के तहत खेल के घरेलू ढांचे को बहाल करने के लिये 120 दिन का समय दिया गया था, जबकि 2019 के पीसीबी संविधान को रद्द कर दिया गया था।
सेठी ने बतौर अध्यक्ष पीसीबी में कुछ बड़े फैसले भी लिये, जिसमें मिकी आर्थर को क्रिकेट निदेशक नियुक्त करना और ग्रांट ब्रैडबर्न को मुख्य कोच बनाना शामिल है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल को पिछले हफ्ते छह महीने की अवधि के लिये पुरुष टीम का गेंदबाजी कोच भी नियुक्त किया गया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप को लेकर चल रही तनातनी को खत्म करने के लिये हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव भी सेठी ने ही रखा था। इस स्वीकृत मॉडल के तहत, एशिया कप के चार मैच पाकिस्तान में आयोजित होंगे, जबकि भारत के मुकाबलों सहित अन्य नौ मैचों की मेज़बानी श्रीलंका करेगा।