पुरूष बाल यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों पर चित्र अभियान

नई दिल्ली, यौन उत्पीड़न के शिकार हुए बच्चों की दुर्दशा पर रोशनी डालने के लिए एक महिला फिल्म निर्माता ने तस्वीरों पर आधारित एक अभियान शुरू किया है जिसमें पीड़ितों को अपनी बदहाली के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुंबई में रह रहीं इनसिया दरीवाला ने इसके साथ ही चेंज डॉट ओआरजी के एक माध्यम से एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की है और पुरूष बाल उत्पीड़न के मामलों के अध्ययन के लिए सरकार से सरकार से आग्रह किया है।

इनसिया के पति बाल यौन उत्पीड़न के शिकार हैं। खुद वह भी बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं। यह अब तक की देश की पहली पहल है और 1000 लोग इस मांग का अनुमोदन कर चुके हैं। इनसिया ने कहा, कई वर्षों के दौरान मैंने यौन उत्पीड़न के शिकारों को ऐसे अपराध के लिए शर्म में जीते देखा है जिसे उन्होंने नहीं किया। उनमें से एक मेरे शौहर हैं। अपनी याचिका में इनसिया ने बताया कि यौन उत्पीड़न के बोझा से उबरने में किस तरह अत्यंत कष्टप्रद प्रक्रिया से गुजरे।

उन्होंने कहा, उनकी और दोस्तों से सुनी दूसरों की दास्तान से मुझो एहसास हुआ कि पुरूषों का भी यौन उत्पीड़न होता है। लाखों पुरूष बचपन में हुए उत्पीड़न का दुख सहते हुए जी रहे हैं। तब क्यों उनकी दास्तां कभी नहीं कही गई। इनसिया, उनके पति राजीव पांडेय और डॉक्यूमेंटरी फोटोग्राफर दीप्ति अस्थाना यौन उत्पीड़न के शिकार पुरूषों को अपने तजुर्बे बयान करने के लिए अभियान शुरू करेंगे। टेलीविजन शो के लिए लिखने वाले 40 वर्षीय पांडेय ने कहा, भारतीय पुरूषों से अपेक्षा की जाती है कि वे रोएं नहीं या शिकायत नहीं करें। मैं तब पांच साल का था जब मेरे घरेलू सहायक ने यह वादा कर बार बार मेरा यौन शोषण किया था कि वह मुझो उस तरह बाइक चलाना सिखा देगा जिस तरह मेरे पिता चलाते हैं।

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