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पुलिस बहाली के लिए रोडमैप सौंपें- सुप्रीम कोर्ट

 

 

नई दिल्ली,  पुलिस बलों में खाली पदों पर भर्तियों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बीस राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे पुलिस बहाली के लिए रोडमैप सौंपें। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के रोडमैप को मंजूरी दे दी है। यूपी सरकार ने 24 अप्रैल को रोडमैम में कहा था कि पुलिस बलों में खाली पड़े 32 हजार पदों पर भर्ती होगी। पिछले तीन मई को पश्चिम बंगाल सरकार ने खाली पदों पर बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट में रोडमैप सौंपा था।

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 राज्य सरकार ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कांस्टेबल के 66 हजार पद हैं जिसमें वो पहले आठ हजार पदों पर बहाली के लिए प्रक्रिया शुरु करेगा और 2021 तक सभी पदों पर भर्ती कर ली जाएगी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले आप दस हजार पुलिस बलों की भर्ती कीजिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि इतने लोगों के प्रशिक्षण के लिए उनके पास संसाधन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप धीमी गति से बहाली करेंगे तो कभी भर्तियां पूरी नहीं कर पाएंगे।

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 क्या आपने कभी ये ध्यान रखा है कि कई लोग रिटायर हो रहे हैं, कई की मौत हो रही है और कई को बर्खास्त किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के रोडमैप पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सरकार के रोडमैप पर चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव देने वाले को जेल भेज देना चाहिए। सरकार हमारा मजाक न बनाएं, हम सरकार के पुलिसकर्मियों की भर्ती पर नजर रख रहे हैं। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि सरकार कह रही है कि जुलाई 2019 यानी ढाई साल में 86 स्टेनोग्राफर की भर्ती पूरी होगी।

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 क्या इस काम में इतना वक्त लगेगा? आपको चाहिए कि स्टेनोग्राफी टेस्ट करें और लोगों का चयन करें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के रोडमैप को भी ठुकरा दिया और नए रोडमैप सौंपने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार के रोडमैप को मंजूरी देते हुए यूपी में पुलिस में खाली 32 हजार पदों पर भर्ती के निर्देश दिए थे। यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि 11376 इंस्पेक्टर की भर्ती जनवरी 2018 से शुरू होगी और जनवरी 2023 तक पूरी होगी। हर साल 3200 सब इन्स्पेक्टर की भर्ती होगी। इसके साथ ही एक लाख एक हजार छह सौ उन्नीस सिपाहियों की भर्ती नही इसी साल अगस्त से शुरू होगी।

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 सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार के वकील से पूछा था कि आपके यहां छब्बीस हजार पुलिस बलों की कमी है, आप इसे कैसे भरेंगे। कोर्ट ने कर्नाटक से भी पूछा था कि आपके यहां 24399 पुलिस बलों की कमी है। आपने क्या योजना बनाई है। कर्नाटक ने कहा था कि प्रक्रिया जारी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपके यहां 2013 से भर्ती की प्रक्रिया जारी है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। तमिलनाडु से कोर्ट ने पूछा कि आपके यहां 19, 803 खाली पद हैं तो तमिलनाडु सरकार ने कहा कि भर्तियों के लिए विज्ञापन दिए जा चुके हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपने केवल यही एक कदम उठाया है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में हम इन छह राज्यों पर विचार करेंगे बाद में सभी राज्यों में पुलिसबलों की भर्ती पर विचार करेंगे।