लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पूंजीवाद समर्थक नीति का अनुसरण कर रही है।
मायावती ने गुरुवार को कहा कि सर्वविदित है कि केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की सरकारें अपनी आर्थिक नीति, बजट व अर्थव्यवस्था आदि को लेकर जो बड़े-बड़े दावे कर रही है वे ज्यादातर हवाहवाई हैं। सरकार की अधिकतर नीतियों एवं कार्यक्रमों से मुट्ठी भर बड़े-बड़े पूंजीपति व धन्नासेठ और अधिक धनवान बन रहे हैं और इन जैसे लोगों की संख्या दिन दोगुणी व रात चौगुनी बढ़ रही है, जो कि यह सरकार की पूंजीवाद समर्थक नीति का जीता जागता प्रमाण है।
उन्होने कहा कि सरकारों का संवैधानिक दायित्व अमीरों को और अधिक अमीर बनाने के बजाय दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व अन्य मेहनतकश समाज से सम्बन्ध रखने वाले करीब सवा सौ करोड़ नागरिकों की ग़रीबी, बेरोजगारी व हर प्रकार के इनके पिछड़ेपन को दूर करना चाहिये ताकि इन सबका थोड़ा भला होकर इनके त्रस्त जीवन में बहु-अपेक्षित व बहु-प्रतीक्षित सुधार लाने की संवैधानिक मंशा पूरी हो सके। लेकिन ऐसा नहीं करना स्पष्टतः सरकार की ग़रीब-विरोधी नीति व कार्यकलाप ही कहलाएगा।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी व देश के ऐसे बिगड़े हालात को लेकर हमारी चिन्ता स्वाभाविक है क्योंकि बसपा इन ही वर्गों के शोषित-पीड़ित करोड़ों लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए अस्तित्व में आयी है और बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन आदर्श की तरह ही लगातार संघर्षरत है।
उन्होने कहा कि योगी सरकार यूपी को देश का ग्रोथ इंजन होने का दावा करते हुए नहीं थकती है, किन्तु आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य होने के बावजूद यहाँ के लोगों के जीवन की जो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी आदि बुनियादी ज़रूरतों को लेकर जो दुर्दशा है वह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है।
मायावती ने कहा कि केन्द्र की तरह यूपी सरकार के पास भी धन की कमी नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल यहाँ के गरीब लोगों के हित-कल्याण तथा इनके जीवन सुधार में पूरे सही से नहीं होना यह चिन्ताजनक बात है। यह कांग्रेसी कृत्य है जिस नक्श-ऐ-कदम पर अब भाजपा सरकारें भी चलती हुई नजर आ रही है। जो बड़े दुःख की बात है। इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस व सपा सरकार की तरह ही भाजपा सरकार द्वारा भी डा. अम्बेडकर समग्र ग्राम विकास योजना आदि जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को निष्क्रिय बना देने के कारण गरीब ग्रामीण परिवारों का अपेक्षित समग्र विकास प्रभावित है। उन्होने कहा कि हमारी पार्टी का यही कहना है कि हर वर्ष केन्द्र व राज्यों के बजट में देश और प्रदेश के विकास एवं जनहित की तो काफी बड़ी-बड़ी बातें कही जाती है, लेकिन उन पर 50 प्रतिशत भी सही से अमल नहीं किया जाता है। इस ओर भी केन्द्र व सभी राज्य सरकारों को जरूर ध्यान देना चाहिये।