गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कि नई थ्योरी में पता चला है कि पूरे देश का डीएनए एक है और इसलिए भारत एक है।
श्री योगी शनिवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 52वीं व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के शुभारंभ के पहले यहां गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में एक भारत,श्रेष्ठ भारत की संकल्पना ही समर्थ भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की तमाम जातियां अपने मूल में ही समाप्त होती गई जबकि भारत में जातियां फल-फूल रही हैं। पूरी दुनिया को भारत ने ही वसुधैव कुटुंबकम का भाव दिया है इसलिए वह श्रेष्ठ है।
उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा भारतीय नहीं होगा जिसे अपने पवित्र ग्रन्थों वेदए पुराणए उपनिषदए रामायणए महाभारत आदि की जानकारी न हो। हर भारतीय परम्परागत रूप से इन कथाओं को सुनते हुए उनसे प्रेरित होते हुए आगे बढ़ता है।
गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि कोई भी वेद,पुराण या हमारे अन्य ग्रन्थ यह नहीं कहते कि हम बाहर से आए हैं। हमारे ग्रन्थों में आर्य श्रेष्ठ के लिए और अनार्य दुराचारी के लिए कहा गया है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि यहां आर्य व द्रविण का विवाद झूठा और बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि रामायण में माता सीता ने प्रभु श्रीराम की आर्यपुत्र कहकर संबोधित किया है।
उन्होंने कहा कि कुटिल अंग्रेजों ने वामपंथी इतिहासकारों के माध्यम से इतिहास की पुस्तकों में यह पढ़वाया कि आर्य बाहर से आए थे, ऐसे ज्ञान से नागरिकों में आष्माता भूमि पुत्रोह्म पृथिव्यांश का भाव कैसे पैदा होगा। इतिहास के इस काले अध्याय के जरिये की गई कुत्सित चेष्ठा का परिणाम देश लंबे समय से भुगतता रहा है।