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पूर्वोत्तर अब विवाद मुक्त, शांतिपूर्ण:अमित शाह

शिलांग,  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र अब सभी विवादों से मुक्त हो गया है और क्षेत्र में शांति स्थापित हो गई है।

अमित शाह विभिन्न उग्रवादी समूहों की करतूतों के कारण बंद, हमले, बम विस्फोट और गोलीबारी की वजह से पूर्वोत्तर के लोग शांति से नहीं रह सके। उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी, सुरक्षा बलों पर हमलों की घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 89 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा लगभग 8,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण किया और वे मुख्यधारा में शामिल हुए। ‘ये महान उपलब्धियां’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के कारण संभव हुईं क्योंकि शांति के बिना विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य की संस्थाओं का विकास असंभव है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्री माेदी के नेतृत्व में वर्ष 2019 में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ, 2020 में ब्रू और बोडो समझौते तथा 2021 में कार्बी समझौते पर सहमति बनी।

उन्होंने कहा, “असम-मेघालय और असम-अरुणाचल सीमा विवाद भी लगभग समाप्त हो गए हैं और इसके कारण शांति की बहाली के साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। ”

गृह मंत्री ने कहा कि पहले उत्तर-पूर्व से अफ्सपा को हटाने की मांग होती थी। उन्होंने कहा,“भारत सरकार अफ्सपा को हटाने के लिए कदम उठा रही है और पहल कर रही है। असम का 60 प्रतिशत क्षेत्र, नागालैंड के सात जिले, मणिपुर और त्रिपुरा तथा मेघालय के छह जिलों के 15 थाने पूरी तरह से अफ्सपा मुक्त हो गए हैं, जबकि अरुणाचल में केवल एक जिले में अफ्सपा को हटाया जाना बाकी है।”

पूर्वाेत्तर परिषद (एनईसी) के अध्यक्ष श्री शाह ने कहा कि श्री मोदी ने न केवल एनईसी में पिछले 50 वर्षों के काम की सराहना की बल्कि पूर्वोत्तर के विकास के सभी आयामों का खाका तैयार करने का भी निर्देश दिया। अगले 25 वर्षों में और लक्ष्य तय करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, पूर्वोत्तर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, धन गांवों तक पहुंच रहा है और विकास के लिए उपयोग किया जा रहा है और यह एक बड़ी उपलब्धि है। श्री मोदी ने हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री ने पिछले आठ साल में 50 से ज्यादा बार पूर्वाेत्तर का दौरा किया है, जबकि केन्द्रीय मंत्रियों ने भी 400 से ज्यादा बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है।”

अमित शाह ने कहा,“पूर्वोत्तर परिषद को आवंटित बजट में कमी होने के कारण क्षेत्र में विकास बाधित हो रहा था। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय स्तर पर बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत कर पूर्वोत्तर के बुनियादी ढांचे को एक नया आकार दिया है और एक नया आयाम प्रदान किया है। साथ ही कई छोटे उद्योग, शिक्षण संस्थान और खेल से जुड़े संस्थान भी खुल गए हैं। ”