मुंबई, पूर्व मंत्री छगन भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करके बैरक नंबर 12 में रखा गया है।पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय ने 14 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2 दिन की पुलिस हिरासत के बाद गुरुवार को अदालत ने छगन भुजबल को जेल हिरासत में भेज दिया है।भुजबल और उनके परिवार पर महाराष्ट्र सदन और कालीना में मुंबई यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी घोटाले में 870 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने और फिर फर्जी कंपनियो के जरिये रिश्वत के रुपयों को सफेद करने का आरोप है।
बात साल 2008 की है, जब छगन भुजबल राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री थे और उन्होंने ही उस निर्माण को मंजूरी दी थी। बैरक नबंर 12 भी उसी हाई सिक्योरिटी सेल का हिस्सा है, जिसमें अब पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को रखा गया है।
बैरक नबंर 12 हाई सिक्योरिटी सेल का हिस्सा है,26/11 आतंकी हमले के बाद मुंबई की ऑर्थर रोड जेल के एक हिस्से को करोड़ो रुपये खर्च कर हाई सिक्योरिटी सेल में तब्दील किया गया था। वजह थी एकमात्र पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की सुरक्षा। यहां तक कि जेल में ही खास तौर पर बनाई गई अदालत कसाब के लिए बनी काल कोठरी और कोठरी से अदालत तक ले जाने के लिए बने गलियारे को बम प्रूफ बनाया गया था।
भुजबल और उनके परिवार पर महाराष्ट्र सदन और कालीना में मुंबई यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी घोटाले में 870 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने और फिर फर्जी कंपनियो के जरिये रिश्वत के रुपयों को सफेद करने का आरोप है।