पूर्व राष्ट्रपति की पुस्तक के लोकार्पण पर, गठबंधन सरकारों के बड़े रहस्यों का हुआ खुलासा ?

नई दिल्ली, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुस्तक द कोलिशन इयर्स का लोकार्पण तीन मूर्ति सभागार में हुआ। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ साथ माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता सुधाकर रेड्डी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता कानिमोई आदि मौजूद थें।

 यूपी सरकार ने 13 तारीख को किये, कुल 13 तबादले …

बेटे के भ्रष्टाचार के मामले पर, कांग्रेस ने अमित शाह से पूछे दस सवाल ?

केन्द्र में 2004 से 2014 तक लगातार दो बार संप्रग गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर चुके पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह नेपूर्व राष्ट्रपति को प्रतिष्ठित एवं जिंदादिल सांसद एवं कांग्रेस जन के रूप में याद करते हुए कहा कि पार्टी में हर कोई उनसे जटिल एवं मुश्किल मुद्दों के हल की उम्मीद करते थे। मनमोहन ने वर्ष 2004 में अपने प्रधानमंत्री बनने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में चुना और प्रणबजी मेरे बहुत ही प्रतिष्ठित सहयोगी थे।

कांग्रेस का चुनाव आयोग पर आरोप-फर्जी सांता क्लाज को, घोषणाएं करने का वक्त दिया

गुजरात चुनाव की घोषणा न करने पर, चुनाव आयोग की मंशा पर उठने लगे सवाल

उन्होंने कहा कि इनके  पास यह शिकायत करने के सभी कारण थे कि मेरे प्रधानमंत्री बनने की तुलना में वह इस पद  के लिए अधिक योग्य हैं।… पर वह इस बात को भी अच्छी तरह से जानते थे कि मेरे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। उनकी इस टिप्पणी पर न केवल मुखर्जी तथा मंच पर बैठे सभी नेता बल्कि श्रोताओं की अग्रिम पंक्ति में बैठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया सहित सभी श्रोता हंसी में डूब गये।

 अमित शाह यह भी मानने को तैयार नही कि, बेटे पर भ्रष्टाचार का आरोप है..

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाने वाला आखिरी मैच रद्द, सीरीज ड्रा 

 पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने कहा कि  उनके और मुखर्जी के संबंध बेहतरीन रहे तथा सरकार को एक समन्वित टीम की तरह चलाया जा सका। जिस प्रकार से उन्होंने भारतीय राजनीति के संचालन में महान योगदान दिया है, वह इतिहास में दर्ज होगा। मनमोहन ने मुखर्जी के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह 1970 के दशक से ही उनके साथ काम कर रहे हैं।

चार दिवसीय टेस्ट क्रिकेट को मिली मंजूरी, जानिये किन देशों के बीच खेला जायेगा पहला टेस्ट

मेयर, नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची जारी, देखिये पूरी सूची

डा. सिंह ने कहा कि वह दुर्घटनावश राजनीति में आये जबकि मुखर्जी एक कुशल एवं मंझे हुए राजनीतिक नेता हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रहने के दौरान सरकार को जब भी किसी जटिल मुद्दे का हल निकालना होता था तो मंत्री समूह का गठन किया जाता था और अधिकतर जीओएम की अध्यक्षता उस समय मुखर्जी ही कर रहे होते थे।

इलैक्ट्रॉनिक व न्यू मीडिया पर नियामन के लिये, गठित हो सकता है तीसरा प्रेस आयोग…

हार्दिक पटेल के अारक्षण आंदोलन से घबड़ाई भाजपा सरकार ने, राजद्रोह सहित 235 मुकदमे लिये वापस

इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक में राजनीतिक कार्यकर्ता की नजर से 1996-2004 तक की लंबी राजनीतिक यात्रा को समझने एवं समीक्षा का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद में लम्बा अनुभव रहा है और उन्हें संसद में देश के कई बड़े नेताओं को सुनने का मौका मिला।उन्होंने कहा कि यह पुस्तक किसी इतिहासकार की नजर से नहीं बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के नजर से लिखी गयी है। उन्होंने कहा कि 1996 से लेकर 2004 के बीच पुस्तक में देवगौड़ा सरकार, गुजराल सरकार, वाजपेयी सरकार और मनमोहन सरकार के कामकाज का ब्यौरा दिया गया है।

 फीफा अंडर-17 विश्वकप फुटबाल टूर्नामेंट- घाना से हार के साथ भारत का विश्वकप सफर समाप्त

निजी जासूसी- अब बढ़ता हुआ कारोबार, 50 हजार नये जासूसों की जरूरत..

मनमोहन सिंह की यह टिप्पणी इसलिए महत्व रखती है क्योंकि मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में कहा, यह व्यापक उम्मीद थी कि सोनिया गांधी के मना करने के बाद प्रधानमंत्री के लिए मैं ही अगली पंसद रहूंगा। यह उम्मीद संभवतः इस तथ्य पर आधारित थी कि सरकार में मेरे पास व्यापक अनुभव है। मुखर्जी ने यह भी कहा कि जब उन्होंने मनमोहन सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया, सोनिया ने इस में शामिल होने पर बल दिया क्योंकि यह उसके कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होगा। साथ ही सिंह को भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने पुस्तक लोकार्पण समारोह में कहा कि कांग्रेस स्वयं में एक गठबंधन है क्योंकि यह सभी विचारों को एक मंच पर लाती है। उन्होंने कहा, भीतर के साथ साथ बाहर गठबंधन होना कठिन है। किन्तु यह किया गया।

अखिलेश यादव ने बीजेपी की दुखती रग दबायी, 50 हज़ार से करोड़ों बनाने का पूछा फार्मूला ?

सपा एमएलसी सुनील यादव साजन क्यो गये जेल, जानिये पूरा प्रकरण..

मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने पुस्तक में गठबंधन वर्षों का उल्लेख किया है और किसी व्यक्तिगत मामलों को शामिल नहीं किया गया। इस अवसर पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने मुखर्जी के साथ अपने लंबे अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत स्वयं में ही एक महागठबंधन है जिसमें बहुलतावादी विचार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के प्रथम कार्यकाल में कई जटिल मुद्दों पर मुखर्जी के साथ उनका विचार विमर्श हुआ और उनके अनुभवों का लाभ उठाया गया।

अखिलेश यादव और मुलायम सिंह 11 महीने बाद एक साथ, देखिये क्या बोले ?

गुजरात में दलितों की पिटाई पर, ममता बनर्जी का बड़ा बयान

अखिलेश यादव ने क्यों कहा-‘अच्छा लगता है चलकर, जो ख़ुद बनाए उन पथ पर…

उत्तराखंड – भाजपा सरकार ने, शराब दुकानदारों का बिजनेस बढ़ाया, जानिये कैसे ?

Related Articles

Back to top button