नई दिल्ली, शीर्ष सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी जब बल का नेतृत्व कर रहे थे, उस समय उन्होंने गुड़गांव में करोड़ों रूपए की संपत्ति नकद भुगतान कर खरीदी थी लेकिन इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी थी। उन्होंने यह दावा भी किया कि नियमों के अनुसार त्यागी खरीदी गयी संपत्ति के बारे में सरकार को जानकारी देने के लिए बाध्य थे लेकिन उन्होंने कथित तौर पर खुलासा नहीं किया।
सूत्रों ने दावा किया कि नियमों के तहत यह अनिवार्य है कि ऐसी खरीदारी के बारे में सरकार को जानकारी दी जाए और ऐसा नहीं किए जाने पर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि त्यागी ने बिचौलियों से मिलने की बात से अब तक इंकार नहीं किया है और चूंकि उन्हें मालूम था कि रक्षा सौदे में बिचौलियों को अनुमति नहीं है, तो उन्होंने इसकी जानकारी क्यों नहीं दी और करार रद्द करने की पेशकश क्यों नहीं की। त्यागी से उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए बार बार कॉल किया गया लेकिन उनका जवाब नहीं मिल सका। आरोपों पर उनका जवाब जानने के लिए मैसेज भी भेजे गए लेकिन उन्होंने उनका भी जवाब नहीं दिया। त्यागी के वकील ने पहले दावा किया था कि अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीदने का फैसला सामूहिक था और प्रधानमंत्री कार्यालय भी उसका हिस्सा था। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि जमानत न्यायशास्त्र इस तथ्य पर भरोसा करता है कि अगर आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता या गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता तो जमानत मंजूर की जाती है। यह मामला 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद के लिए 3600 करोड़ रूपए के करार से संबंधित है।