नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों को मिलने वाली पेंशन और भत्तों से संबंधित एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि हमनें वो जमाना भी देखा है, जब लंबे वक्त तक सांसद गरीबी में रहकर मर जाते थे। सुप्रीम कोर्ट ने इसके तहत केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भी भेजा है।
जस्टिस जे चेलमेश्वर की अगुवाई वाली इस बेंच ने लोकसभा और राज्यसभा के सेकेट्री को भी नोटिस जारी किया है। एनजीओ लोक प्रहरी के द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया कि कार्यकाल खत्म होने के बाद भी लगातार पेंशन जारी होना संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। वहीं बिना संसद में कानून बनाए सांसदों को लाभ नहीं दिया जा सकता।
जस्टिस जे. चेलामेश्वर और जस्टिस ईएस. अब्दुल नजीर की बेंच अब इस मामले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। सुनवाई में इस मामले को डिटेल में सुना जाएगा। एनजीओ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति एक दिन के लिए भी सांसद बनता है तो उसे जीवनभर पेंशन का लाभ मिलता है। वहीं उसके परिवार को भी इस बात का फायदा मिलता है, जोकि आम व्यक्ति पर बोझ की तरह है।