लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने वाली गुजरात की कंपनी को दिखावे के लिये ब्लैक लिस्ट किया गया है।
अखिलेश यादव ने यहां जारी बयान में दावा किया कि पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया। जनता के ग़ुस्से से बचने और दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खि़लाफ एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक करे। गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति वसूलने की हिम्मत दिखाए। ऐसे आपराधिक लोग उत्तर प्रदेश के 60 लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं।
उन्होने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ। उत्तर प्रदेश में काम करने वाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जाँच की जाए। जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जाए तो जनता को समझ लेना चाहिए कि इसमें काम देने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जाँच हो और जब तक जाँच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
अखिलेश यादव ने कहा “ हम माँग करते हैं कि उत्तर प्रदेश में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जाँच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर जब काम गलत होता है तो उससे उत्तर प्रदेश की छवि को ठेस पहुँचती है और प्रदेश के पैसों की बर्बादी भी होती है। इन सबका ख़ामियाज़ा आखि़र में आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। ये भी माँग है कि उत्तर प्रदेश की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए। बाहरी कंपनियों को तभी काम दिया जाए जब यूपी के सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास कार्य कराने के अनुभव का अभाव हो।”
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोज़र के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ़ बुलडोज़र मुड़ता भी है या नहीं। यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फ़रमान निकाल रही थी।