लखनऊ, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर नोटबन्दी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इससे आम जनता परेशान हुई, नालों में पैसे मिल रहे हैं। जो सरकार जनता को दुख देती है, जनता उसे हटा देती है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भी चाहती है कि कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए, लेकिन नोटबन्दी से यह नहीं होगा। इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। रोजगार चौपट हो गए, लोगों का रोजगार चला गया और अब वह पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि पैसा काला-सफेद नहीं होता बल्कि लेनदेन काला-सफेद होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को पता ही नहीं है कि किस ब्रान्च, किस बैंक और किस एटीएम में कितने पैसे हैं। जनता अच्छे दिन का सपना नहीं जान पाई। लोगों को खर्च करने की आजादी होनी चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का दावा किया। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के विभिन्न विकास कार्यों का जिक्र किया और कहा कि समाजवादी पेंशन योजना के बाद कोई परेशान नहीं है, सीधे खातों में पैसा भेजा जा रहा है। लैपटाॅप से डिजीटल क्रान्ति की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद हम स्मार्टफोन बांटने जा रहे हैं। एक करोड़ से ज्यादा लोग इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। उन्होंने राज्य के विकास में केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग करने का दावा किया। उन्होंने लखनऊ-एक्सप्रेस वे को विकास का परिचायक बताते हुए लोगों को इस पर 100 से ज्यादा रफ्तार से नहीं चलने की भी सलाह दी। इस मौके पर सीएम अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में विकास के साथ नोटबन्दी भी मुद्दा होगा। विकास और प्रदेश को आगे ले जाने के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार का बनना बहुत जरुरी है। यूपी को नई दिशा में जाना है, काम को आगे ले जाना है। उन्होंने एक बार फिर चुनाव में गठबन्धन को लेकर पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा ही अन्तिम फैसला लेने की बात कही।