नई दिल्ली/पंजाब, दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के खिलाफ कैम्पेन चला सुर्खियों में आई गुरमेहर कौर भले ही दिल्ली से अपने घर जालंधर लौट आई है लेकिन अभी उसके दिए बयान पर चर्चा जारी है। कई उसके पक्ष में है तो कई उसका विरोध कर रहे हैं। वहीं गुरमेहर के घर पहुंचने पर उसके घर के बाहर मीडियोकर्मियों का जमावड़ा लग गया। जालंधर में बुधवार शाम गुरमेहर को रिश्तेदार उसे मिलने आए थे। मेहमानों को बाहर तक छोड़ने आई गुरमेहर को मीडिया ने घेर तो उसने उनसे बात की। गुरमेहर ने कहा कि जिन लोगों ने मेरा समर्थन किया उनको शुक्रिया और जिन्होंने विरोध किया उनको जवाब मिल चुका है और मैं उनसे नहीं डरती। गुरमेहर ने कहा कि मैं राजनीति में नहीं आना चाहती। मैं बस वापिस दिल्ली जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं। इससे ज्यादा गुरमेहर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं बात करने की स्थिति में नहीं हूं। मैं एबीवीपी के साथ भी लड़ाई नहीं चाहती, लेकिन ये कहना चाहती है कि एबीवीपी ऐसा शेर है, जो सिर्फ दहाड़ता है। इतना कहकर गुरमेहर घर के अंदर चली गई।
बता दें कि गुरमेहर की सुरक्षा के लिए जालंधर पुलिस ने दिए दो महिला गार्ड उसे मुहैया करवाए हैं। वहीं गुरमेहर के दादा कमलजीत सिंह ने बुधवार को जालंधर के डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर से मुलाकात कर पोती को धमकी देने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की। कमलजीत सिंह ने डीसी से कहा कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर मेरी पोती को धमकियां दी हैं, उन्हें गिरफ्तार करें। डीसी केके यादव ने कहा कि वह उनकी डिमांड दिल्ली सरकार में अथाॅरटीज के सामने रखेंगे। कमलजीत ने कहा कि गुरमेहर के बयानों को तोड़-मरोड़ दिया गया। गुरमेहर की पढ़ाई के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे, इसलिए डीसी यादव से सुरक्षा की मांग की है। गौरतलब है कि दिल्ली के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार होने वाला था। इसमें जेएनयू के स्टूडेंट लीडर उमर खालिद और शहला राशिद को इनवाइट किया गया था। एबीवीपी ने इसका जमकर विरोध किया, क्योंकि खालिद पर जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी करने का आरोप है। इसके बाद बीते बुधवार को आईसा और एबीवीपी के सपोर्टर्स के बीच भारी हिंसा हुई। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को सेमिनार कैंसल करना पड़ा। इसके बाद गुरमेहर ने एबीवीपी के खिलाफ कैपेंन छेड़ दिया और अपने फेसबुक प्रोफाइल को बदला और सेव डीयू कैम्पेन शुरू किया। गुरमेहर एक तख्ती पकड़ी हुई नजर आईं। ‘स्टूडेंट्सअगेंस्टएबीवीपी’ हैशटैग के साथ लिखा- मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती हूं। एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर स्टूडेंट मेरे साथ है। इस कैपेंन के तुरंत बाद पाकिस्तान के बारे में उसका एक पोस्टर वायरल हुआ और वे ट्रोल होने लगीं। हालांकि ये प्लेकार्ड उसने पिछले साल दिखाए थे लेकिन उसे इन नए मामले के साथ जोड़ दिया गया। एक प्लेकार्ड में गुरमेहर ने लिखा था कि पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मेरे पिता को मारा है। हालांकि उसके बाद भी गुरमेहर ने कई प्लेकार्ड दिखाए थे जिसके बारे में चर्चा हुई ही नहीं।