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प्रकृति के साथ तारतम्य स्थापित करने का अद्भुत आयोजन है मकर संक्रांति: CM योगी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सभी प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मकर संक्रांति का पर्व जगतपिता सूर्य की उपासना, प्रकृति की पूजा करने व उसके साथ तारतम्य स्थापित करने का अद्भुत आयोजन है।

मुख्यमंत्री ने आज गोरखनाथ मंदिर परिसर में कहा कि मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश के अंदर अलग.अलग नामों और रूपों में मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति खिचड़ी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है और इस पावन अवसर पर लाखों की संख्या में कल्पवासी प्रयागराज में एक महीने तक प्रवास करते हैं साधना और अनुष्ठान के कार्यक्रम के साथ जुड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का स्नान प्रयागराज और अन्य तीर्थो में पूरे उत्साह व उमंग से प्रारंभ हो चुका है तो गोरखपुर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिवावतार भगवान गोरखनाथ को आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाने आए हुए हैं।

जगतपिता सूर्य से प्रदेशवासियों के शुभ व मंगलमय जीवन की कामना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व पर सूर्यदेव का उत्तरायण होना हर प्रकार के सुख और मांगलिक कार्यक्रमों के लिएन प्रशस्ति तिथि मानी गई है और आज से मांगलिक कार्य भी प्रारम्भ होंगे। उन्होंने कहा कि इस पवित्र पर्व पर प्रयागराज और गोरखपुर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य तीर्थों जैसे हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर मेंए बदायूं के कछला घाट, मुजफ्फरनगर के शुक तीर्थ, काशी आदि तथा हर पवित्र नदी.सरोवरों पर लाखों श्रद्धालु स्नान.दान से जुड़कर अपनी आस्था को व्यक्त कर रहे हैं। सनातन संस्कृति के पर्वों पर स्नान.दान का अपना विशेष महत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए शासन प्रशासन ने सभी प्रकार के इंतजाम किए हैं। गोरखपुर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति दिन भर आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाएगी। मकर संक्रांति पर परंपरागत आयोजनों का भी शुभारंभ हो रहा है। गोरखनाथ मंदिर में एक माह तक चलने वाला खिचड़ी मेला भी प्रारंभ हो चुका है। यहां पर भी श्रद्धालुजन की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है और पूरी सतर्कता के साथ नजर रखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि जगतपिता सूर्य संपूर्ण चराचर जगत के नियंता हैं। उनकी कृपा पूरे प्रदेशवासियों पर हर एक श्रद्धालु पर बनी रहे और विश्वास है कि सभी लोग उत्साह और उमंग के साथ प्रदेश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे।