नई दिल्ली, नोटबंदी को करीब डेढ़ महीना हो गया है, लेकिन अटकलों का दौर जारी है कि आखिर सरकार ने किन हालात में इतना बड़ा फैसला लिया और उस समय आखिर पर्दे के पीछे क्या चल रहा था?
अब सूचना के अधिकार के तहत पता चला है कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान से चंद घंटों पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार से इसकी सिफारिश की थी। जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट-1934 में केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी नोट को चलन से बंद करने का फैसला ले सके। हालांकि सरकार स्वयं ऐसा नहीं कर सकती है। इसके लिए आरबीआई की सिफारिश जरूरी है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 8 नवंबर को हुई बैठक में नोटबंदी की सिफारिश पारित की थी। बैठक में 10 बोर्ड मेंबर्स में से केवल आठ ही शरीक हुए थे, जिनमें आरबीआई प्रमुख उर्जित पटेल, कंपनी मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर. गांधी और एसएस मुंद्रा शामिल थे। यहां आरबीआई बोर्ड की बैठक और प्रधानमंत्री के नोटबंदी के बीच सरकार के पास बैंक के आधिकारिक प्रस्ताव पर अमल के लिए कुछ ही घंटों का वक्त था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की बैठक में इस फैसले के बारे में उन्हें बताया।