नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की है ।
श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा कि पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए, हम जो भी कुछ कर सकते हैं, वो हमें जरूर करना चाहिए। इसके अलावा पानी की रीसाइक्लिंग पर भी हमें उतना ही जोर देते रहना है। घर में इस्तेमाल किया हुआ जो पानी गमलों में काम आ सकता है, गार्डेनिंग में काम आ सकता है, वो जरूर दोबारा इस्तेमाल किया जाना चाहिए। थोड़े से प्रयास से घर में ऐसी व्यवस्थाएं बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि रहीमदास जी सदियों पहले, कुछ मकसद से ही कहकर गए हैं कि ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून’। और पानी बचाने के इस काम में मुझे बच्चों से बहुत उम्मीद है। स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो ‘वाटर वारियर’ बनकर, पानी बचाने में मदद कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे देश में जल संरक्षण, जल स्रोतों की सुरक्षा, सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने जल संरक्षण को लाइफ मिशन ही बना दिया है। जैसे चेन्नई के एक साथी हैं अरुण कृष्णमूर्ति जी ! अरुण जी अपने इलाके में तालाबों और झीलों को साफ करने का अभियान चला रहे हैं। उन्होंने 150 से ज्यादा तालाबों-झीलों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी उठाई और उसे सफलता के साथ पूरा किया। इसी तरह, महाराष्ट्र के एक साथी रोहन काले हैं। वो महाराष्ट्र के सैकड़ों सीढ़ी वाले पुराने कुओं के संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं। इनमें से कई कुएं तो सैकड़ों साल पुराने होते हैं, और हमारी विरासत का हिस्सा होते हैं।”
उन्होंने कहा कि गुजरात में इन सीढ़ी वाले कुओं को वाव कहते हैं। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया। इससे इन इलाकों में वाटर लेवेल को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली। ऐसे ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं।