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प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में फिर किसानों पर बात नहीं की : कांग्रेस

रांची, झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हर बार की तरह इस बार भी किसानों की समस्या, बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था पर चुप्पी साधे रखी और सिर्फ इधर-उधर की बातें कर तथा कहानियां सुना कर लोगों की मूल समस्या को दरकिनार करने का काम किया है।

कांग्रस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने आज यहां कहा कि आगामी कुछ दिनों में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव होने वाले है, यही कारण है कि संस्कृत और हिन्दी की जगह तमिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा बता रहे है। अगली बार वे केरल में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे तो मलायली भाषा की सराहना करेंगे और असम जाएंगे, तो असमिया भाषा की गुणगान करेंगे।

श्री दूबे ने कहा पिछले 95 दिनों से किसानों के आंदोलन लगातार जारी है, 190 किसानों ने अब तक अपनी शहादत दे चुके है किसानों की समस्याओं को दूर करने की बात तो बहुत दूर है,शहीद किसानों के लिए सहानुभूति और श्रद्धांजलि के दो शब्द भी मन की बात में नहीं कह पाए।

प्रवक्ता ने कहा कि कि मन की बात कार्यक्रम में एक ओर युवाओं से इनोवेटिव स्प्रीट के तहत काम करने की अपील कर रहे है, लेकिन करोड़ों लोगों की नौकरी चली गयी और दो करोड़ रोजगार देने का उनका वायदा भी सिर्फ चुनावी जुमला ही साबित हुआ।आज देश की परिस्थिति इतनी खराब हो गयी है कि बाजार में कुछ भी खरीदने जाने पर लोग अपने आप को छला हुआ महसूस रह रहे हैं। पेट्रोल डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने देश की जनता की कमर तोड़ कर रख दी है और देश को गुमराह कर रहे हैं।

श्री दूबे ने कहा कि प्रधानमंत्री वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने की व्यस्तता का जिक्र कर रहे है, लेकिन देश की आर्थिक गतिविधियां का क्या हाल है,सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की लाखों इकाईयां देश में बंद हो गयी है, व्यवसाय चौपट हो गया है, उन्हें सहायता पहुंचाने की बात पर भी प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली है।