उरई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। मोदी ने फरवरी 2020 में इसका शिलान्यास किया था। इसके साथ ही चित्रकूट से इटावा तक बुंदेलखंड के सात जिले एक्सप्रेस वे के माध्यम से दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ जायेंगे।
दिन में लगभग साढ़े ग्यारह बजे जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में आयोजित लोकार्पण समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार के अन्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बने चार लेन वाले इस एक्सप्रेस वे के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
मुख्यमंत्री योगी और राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य एवं उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियों का पहले ही जायजा ले चुके हैं। राज्य सरकार का दावा है कि यह एक्सप्रेस वे जनता के उपयोग के लिये शनिवार को खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में दशकों से पिछड़ेपन का शिकार रहा उपेक्षित बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेस वे के जरिये विकास की राह पर सरपट दौड़ने के लिये तैयार हो जायेगा।
दिल्ली और लखनऊ से सीधे जोड़ने वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी तेज गति से फर्राटा भर कर तय की जा सकेगी। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमानित अवधि से आठ महीने पहले बनकर तैयार हाे गया है। इसे 28 माह में बना लिया गया है। उप्र सरकार का दावा है कि इसे अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम कीमत में बना लिया गया है। इससे सरकारी खजाने को 1132 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
विभिन्न एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी को पूरा करने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की हिस्सेदारी 296 किमी रहेगी। जबकि, डीएनडी फ्लाईवे नौ किमी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी की हिस्सेदारी निभायेंगे।
बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। सरकार का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। बांदा और जालाैन में एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक कारिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी का चयन हो चुका है। उद्योग लगने से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। एक्सप्रेस वे के आरओडब्ल्यू के तहत लगभग सात लाख पौधे रोपे जा रहे हैं।
यह एक्सप्रेस वे चार लेन की चौड़ाई वाला है। एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकासी के लिए 13 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए सर्विस रोड का निर्माण किया गया है। एक्सप्रेसवे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।