लखनऊ, राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े संतो का प्रतिनिधि मंडल जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन सुझाव पर प्रधानमंत्री से मिलकर बातचीत करेगा। संतों का यह प्रतिनिधिमण्डल श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी अयोध्या के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट करेगा। यह जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने दी।
महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार से देश की जनता को बड़ी आशायें हैं। सर्वोच्च न्यायालय के सुझाव के उपरांत उत्पन्न हुई स्थितियों पर अब प्रधानमंत्री से मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े संतो का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा और सोमनाथ की तर्ज पर भव्य मंदिर निर्माण की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम इस देश के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था श्रद्धा और सामाजिक समरस्ता के केंद्र हैं। वह स्वयं इस देश के संविधान हैं। वह अपनी जन्मभूमि पर विराजमान भी है। जिनकी पूजा अर्चना लगातार चलती आ रही है। उन्हें दुनिया की कोई शक्ति इधर से उधर नही कर सकती है। बस उन्हें उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराना ही उनके भक्तों का पवित्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के उपरांत और विभाजन के दो वर्ष बाद ही सरदार पटेल और अन्य नेताओं के कुशल प्रयास से गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया और वहीं अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का विवाद न्यायालय की परिक्रमा करता रहा? अगर उसी समय इसका समाधान कर दिया जाता तो शायद इतने असंख्य हिन्दुओं का रक्त ना बहता।