नई दिल्ली, राज्यसभा में आज विपक्ष ने एक स्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बुलाने और उनसे सदस्यों के विचार सुनने की मांग की।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सदन में नोटबंदी पर काम रोको प्रस्ताव के नोटिस पर चर्चा के दौरान कहा कि सदन में महत्वपूर्ण चर्चा हो रही है। यह पूरे देश से संबंधित है और प्रधानमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गयी है और राज्यसभा में महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही है, इसलिए प्रधानमंत्री को सदन में मौजूद होना चाहिए। उन्होंने उपसभापति पी जे कुरियन से शिकायत भरे लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री सदस्यों के विचार या भाषण नहीं सुनते हैं। सर्वदलीय बैठक के दौरान भी वह अंतिम समय में आते हैं और उनके आने तक बड़ी पार्टियों के नेता अपने विचार रख चुके होते है। उन्होंने कहा कि सदस्यों और नेताओं को प्रधानमंत्री से अपनी बात कहने का मौका नहीं मिलता है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि उन्हें केवल टेलीविजन पर सुना जा सकता है। कांग्रेस नेता ने जनता दल यूनाईटेड के शरद यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी बड़े और अनुभवी नेता है तथा उनके विचारों से देश को लाभ हो सकता है। ये लोग मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और मंत्री रहे हैं। प्रधानमंत्री को उनकी बात सुननी चाहिए।