लखनऊ, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में इस बार न केवल रिकॉर्ड संख्या में देश और विदेश से श्रद्धालु पहुंचे बल्कि देश और दुनिया से पक्षियों की 90 प्रजातियां भी आयीं, जिनमें दुर्लभ प्रजाति के पक्षी इंडियन स्कीमर के 150 जोड़ों का आगमन हुआ और अब इनके नन्हें इंडियन स्कीमरों के स्वागत की तैयारी की जा रही है।
गंगा की रेती पर पहुंचे इस दुर्लभ प्रजाति के पक्षी जोड़े दिसंबर से लेकर फरवरी के अंत या मार्च की शुरूआत में अंडे देते हैं। आने वाले नन्हें इंडियन स्कीमरों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए वाचर तैनात कर दिये गये हैं साथ ही वाइल्डलाइफ की टीमें भी अलर्ट पर हैं। दुनिया भर से आयीं पक्षियों की यह प्रजातियां प्रदूषण को रोकने में भी यह काफी कारगर साबित होते हैं।
डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के साथ-साथ इंडियन स्कीमर के 150 से अधिक जोड़े संगम क्षेत्र में पहुंचे हैं। यहां वे प्राकृतिक वातावरण में घुल-मिल गए। ये पक्षी जंगली जानवरों से अपने अंडे को बचाने के लिए संगम की रेती में छुपा देते हैं। जिन्हें बचाने और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार की तरफ से भी कई तरह के इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि दुर्लभ प्रजाति के अंडों और नन्हे पक्षियों को जंगली जानवरों और अन्य खतरों से बचाने के लिए बड़ी संख्या में वाचर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा वाइल्डलाइफ की टीम को भी लगाया गया है। जो पक्षियों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी गणना का भी काम कर रहे हैं। वन्यजीव सुरक्षा को लेकर वाइल्डलाइफ की टीम लगातार गश्त कर रही है ताकि पक्षियों और उनके अंडों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।दुनिया के इस सबसे बड़े मेले में 90 से अधिक देशी और विदेशी प्रजातियों के पक्षी पहुंचे हैं, जो इस क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध बना रहे हैं।