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प्रशांत भूषण ने राजनीतिक पार्टी बनाई ‘स्वराज इंडिया’, योगेन्द्र यादव हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष

yogendra-yadav-swaraj-indiaनई दिल्ली, स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने एक नई अखिल भारतीय राजनीतिक पार्टी ‘स्वराज इंडिया’ के गठन की घोषणा की है. योगेन्द्र यादव को सर्वसम्मति से नई राजनीतिक पार्टी ‘स्वराज इंडिया’ का प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है.

दिल्ली में हुए स्थापना अधिवेशन में नयी पार्टी शुरू किये जाने की घोषणा की गयी जिसमें लगभग सभी राज्यों के 400 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि स्वराज अभियान एक गैर-राजनीतिक संगठन के रूप में अपना अभियान जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सरकार और सरकारी संस्थाएं जनता की मर्जी से काम करें और जनहित में निर्णय लिए जाए. स्वराज अभियान के चार मुख्य कार्यक्रम चलते रहेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो और कार्यक्रम भी चलाए जायेंगे.स्वराज अभियान और स्वराज इंडिया दोनों की कार्यकारिणी अलग होगी. स्वराज इंडिया पार्टी में प्रशांत भूषण ने कोई कार्यकारी पद नहीं लिया है लेकिन वह इसके संस्थापक सदस्य हैं. उनकी अपेक्षा है कि स्वराज इंडिया देश में वैकल्पिक राजनीति का वाहक बनेगा.

पार्टी के संस्थापक सदस्य की सूची में पहला हस्ताक्षर प्रसिद्ध वकील एवं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने किया. अजित झा को पार्टी का प्रथम राष्ट्रीय महासचिव निर्वाचित किया गया है. प्रो. आनंद कुमार ‘ स्वराज इंडिया’ के मार्गदर्शक और सलाहकार बनाये गए हैं. शांति भूषण ने आशा व्यक्त की कि नई राजनीतिक पार्टी विभाजनकारी और भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों का मुकाबला करेगी और देश में सच्चा स्वराज लाएगी. संगठन में पारदर्शिता, जवाबदेही और आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांत को सुनिश्चित करने के बाद राजनीतिक पार्टी के गठन का निर्णय लिया गया है.

स्वराज इंडिया पार्टी की परिकल्पना में कहा गया है कि यह स्वेच्छा से सूचना के अधिकार के अंदर आने वाली भारत की इकलौती पार्टी होगी. सहभागिता पर आधारित पारदर्शी उम्मीदवार-चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगी, साथ ही विधायकों पर कोई व्हिप नहीं होगा और हर स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जायेगी. पार्टी राष्ट्रपति मॉडल के साथ सामूहिक नेतृत्व को पोषित करेगी और पार्टी के बुनियादी ढांचे में संघीय व्यवस्था को आगे बढ़ाया जायेगा जो 21वीं सदी के भारत की दृष्टि ‘स्वराज दर्शन’ पर आधारित है.

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