लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) लेने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त डाक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी।
अधिकृत सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एनपीए लेने वाले डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस किये जाने की सूचना पर नाराजगी जाहिर करते हुये विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होने बताया कि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस की मनाही है। इसके लिए सरकार डॉक्टरों को हर महीने हजारों रुपए नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) दे रही है। इसके बावजूद कुछ डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 17 डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए हैं जिनमें बलरामपुर जिले में दस, हाथरस में छह और कुशीनगर के एक चिकित्साधिकारी शामिल है।
इन डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।