प्रेग्नेंसी के दौरान, जबकि महिला कई सारे शारीरिक बदलावों और अपने आस-पास के माहौल को लेकर मानसिक दबाव का सामना कर रही होती है, तब उसे ऐसी ही सशक्त इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। खासकर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए। महज 10 मिनट का ध्यान और योग इससे राहत दिलाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। सबसे पहले इसके लिए घर का शांत कोना चुनें। ध्यान के लिए सुबह या शाम का वक्त हो तो बेहतर होगा, क्योंकि इस दौरान आप ऊर्जा से भरपूर होते हैं और तरोताजा महसूस करते हैं। ध्यान और योग करने से पहले खाना न खाएं, हालांकि जूस या कोई फल जरूर लिया जा सकता है। शुरुआत योग से करें।
योग के लिए पद्मासन, श्वासासन, अनुलोम-विलोम, कपालभांति, भ्रामरी प्राणायाम, तितली आसन, पर्वतासन, और वक्रासन किया जा सकता है। इसके बाद थोड़ा सा विश्राम लें। करीब पांच मिनट के अंतराल के बाद खुद को शांत रखते हुए ध्यान लगाने की कोशिश करें। शुरुआत अपने अच्छे कामों को सोचने से कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम कमजोर होते हैं या खराब अनुभवों के विषय में सोचते हैं तो हमारा मस्तिष्क उसे एक समस्या मानकर उसका हल ढूंढने के प्रयास शुरू कर देता है। वह तमाम विकल्प आपको सुझाता है, और इस तरह से आपका मस्तिष्क लगातार काम करता रहा है और आप शांत होकर ध्यान नहीं लगा पाते हैं। इसके विपरीत जब हम अपने सुखद अनुभवों के विषय में सोचते हैं तो एक आत्मसंतोष की अनुभूति होती है और मस्तिष्क को एक प्रकार का संदेश जाता है कि सब कुछ ठीक है। ऐसे में ध्यान लगाना आसान हो जाता है। कई अध्ययनों में भी ये बातें सामने आई हैं कि जो महिलाएं गर्भावस्था में उचित देखभाल के साथ-साथ माइंड-बॉडी थैरेपी जैसे योग व मेडिटेशन करती हैं, उन्हें लेबर कम देर का होता है, डिलिवरी के दौरान कम दवाओं की जरूरत पड़ती है और वे जल्दी रिकवर कर जाती हैं।